यूपी हुकूमत में तवानाई के वज़ीरे श्रीकांत शर्मा ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि देही इलाके में लगभग 70 फीसदी और शहरी इलाकों में लगभग 25 फीससदी उपभोक्ता बिजली का बिल नहीं दे पाते हैं
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लखनऊ: यूपी पावर कारपोरेशन को करीब 90 हजार करोड़ रूपये के घाटे का सामना है, इसलिए पावर कारपोरेशन को इस खसारे से बाहर निकालने के लिए यूपी हुकूमत ने उपभोक्ताओं के लिये कर्ज माफी की योजना लाई है, जिसकी मदद से बिजली फरहामी के नज़ाम को और बेहतर किया जाएगा.
कर्ज माफी योजना लाने का मकसद
यूपी हुकूमत में तवानाई के वज़ीरे श्रीकांत शर्मा ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि देही इलाके में लगभग 70 फीसदी और शहरी इलाकों में लगभग 25 फीससदी उपभोक्ता बिजली का बिल नहीं दे पाते हैं. अगर तमाम उपभोक्ता वक्त पर बिजली बिल की आदायगी कर दे तो बिजली विभाग को खसारे के बोहरान से निजात मिल सकता है. इसीलिए सरकार कर्ज माफी की यह योजना लेकर आई है, ताकि बिजली विभाग को मज़ीद नुकसान में जाने से बचाया जा सके.
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इस योजना के कया हैं फायदे
इस कर्ज माफी योजना के इस घरेलू देही उपभोक्ताओं के बकाया बिजली के बिल पर लगाए गए व्याज को पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा. इसके अलावा दो किलोवाट तक के ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की बकाया रकम पर लगे ब्याज को भी 100 फीसदी माफ कर दिया जाएगा. उसे बिल की मूल रकम को भी 6 किश्तों में जमा करने की सहुलत दी गई है.
तवानाई के वज़ीरे श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कामर्शियल उपभोक्ताओं को अभी तक किसी भी प्रकार की छूट नही दी जाती थी. मगर पहली बार ऐसे छोटे उपभोक्तों को छूट में शामिल किया गया है.
मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मुल्क भर में जारी कोरोना बोहरान की वजह से देही और शहरी इलाकों के छोटे दुकानदार को भी कर्जमाफी योजना में शामिल किया गया है और दो किलोवाट तक के दुकानदारों की बकाया राशि पर लगे व्याज को माफ कर दिया गया है. र्मा ने बताया कि कामर्शियल में 2 किलोवाट से 5 किलोवाट के लिए व्याज में 50 प्रतिशत छूट की व्यवस्था की गई.
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