Uttar Pradesh News: देश में साम्प्रदायिक माहौल के बावजूद उत्तर प्रदेश की राजधानी के एक छोटे से इलाके से गंगा-जमुनी तहजीब का खूबसूरत उदाहरण सामने आया है. इसे हम गांधी और मौलाना आजाद के ख्वाबों का हिंदुस्तान कह सकते है. आप भी इस खबर को पढ़िए.
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Uttar Pradesh News: भारत हमेशा से सर्व धर्म संभाव के लिए जाना जाता रहा है. कुछ शिद्दत पसंद राजनैतिक पार्टियों द्वार भारत की सेक्युलर फिजा में सांप्रदायिकता का जहर घोलने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी से गंगा-जमुनी तहजीब का नमुमा सामने आया है. यहां एक ही जगह पर एक ही दिन बारी-बारी से दोनों समुदाय के लोगों ने अपनी मजहबी मान्यता के मुताबिक प्रोग्राम किया है, और मुल्क को मोहब्बत के धागों में पिरोने का मैसेज दिया है.
दरअसल, अभी मुसलमानों का पाक महीना रमजान चल रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक छोटे इलाके अवधपुरम कॉलोनी में मौजूद बाबा अवदेश्वर नाथ मंदिर के सामने वाला पार्क में रोजा-इफ्तार और शिव आर्ती दोनों एक-एक कर बड़े आराम से किया जाता है. अवधपुरम वेलफेयर सोसाइटी के सदर राजेश तिवारी ने कहा कि मंदिर के सामने वाला पार्क शिव वाटिका का नाम, वहां के रहने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति ने दिया था, और इलाके के मुस्लिम समुदाय ने मंदिर के निर्माण में भी योगदान दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम में कॉलोनी के कई हिंदू-मुस्लिम भाइयों ने हिस्सा लिया, और भाईचारे की बेहतरीन मिसाल पेश की है. उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम की सोच सनातन धर्म का मूल मंत्र है, और हर मजहब की आस्था का इज्जत करना हमेशा से भारतीय संस्कृति की पहचान रही है.
इफ्तार के बाद आरती में शामिल होते है यहां के मुसलमान
सोसायटी के सचिव आरिफ अली सिद्दीकी ने कहा कि आज के दौर में शिव वाटिका में रोजा-इफ्तार का आयोजन कई लोगों को हैरान कर सकता है, लेकिन हम सभी को यह याद रखना होगा कि अवधपुरम अवध की गंगा जमुना तहजीब को जी रहा है,और आगे भी जीता रहेगा. इलाके के लोगों के मुताबिक शिव मंदिर और उसके सामने पार्क का निर्माण उन्होंने अपने संसाधनों से कराया है. इसी बीच रविवार शाम को पार्क में रमजान के पाक महीने में रोजा रखने वाले और उसके बाद नमाज अदा करने वाले अकीदतमंदों के लिए इफ्तार का इंतजाम किया गया था. इसके बाद रोजाना होने वाली शिव आरती में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी हिस्सा लिया.
हिंदू त्योहारों में हिस्सा लेते हैं मुस्लिम समुदाय के लोग
सोसाइटी के सदर राजेश तिवारी ने कहा कि अवधपुरम कॉलोनी अवध की संस्कृति से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि मंदिर की तामीर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर हर मुश्किलों का सामना किया है. उन्होंने आगे कहा कि शिव वाटिका नाम भी यहां के एक मुस्लिम भाई ने दिया है. तिवारी ने कहा कि कॉलोनी के मुस्लिम भाई यहां होने वाले बड़े मंगल भंडारे, दशहरा और माता रानी के जागरण जैसे प्रोग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. सदियों से यही भाईचारा हमारे देश की खूबसूरती रहा है.
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
सिद्दीकी ने भी यही बात दोहराते हुए कहा कि अवधपुरम और यहां के बाशिंदे इस बात के जीते-जागते उदाहरण हैं कि मजहब हमें बैर करना नहीं सिखाता. उन्होंने कहा कि शिव वाटिका में रोजा इफ्तार और नमाज के बाद पंडित उमेश मिश्रा ने मंदिर में आरती की, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हुए. उन्होंने आगे कहा कि इस पूरी घटना से हमें यह सुकून मिलता है कि हमारे खून में बस भाईचारा आज भी उसी भावना के साथ बह रहा है.