'700 किसान शहीद हुए, सबके परिवार को एक-एक करोड़ मुआवजा दिया जाए'
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1031483

'700 किसान शहीद हुए, सबके परिवार को एक-एक करोड़ मुआवजा दिया जाए'

Varun Gandhi letter to PM Modi: अकसर किसानों का मुद्दा उठाने वाले पीलीभीत के सांसद ने आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की.

'700 किसान शहीद हुए, सबके परिवार को एक-एक करोड़ मुआवजा दिया जाए'

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद वरूण गांधी (Varun Gandhi) ने तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने के ऐलान के एक दिन बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) के लिए कानून बनाने और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह फैसला अगर पहले ही ले लिया जाता तो 700 से ज्यादा किसानों की जान नहीं जाती.

अकसर किसानों का मुद्दा उठाने वाले पीलीभीत के सांसद ने आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की. वरूण गांधी ने 'बड़ा दिल' दिखाते हुए विवादास्पद कानूनों को रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया और उम्मीद जताई कि वह किसानों की दूसरी मांगों पर भी ठोस फैसला लेंगे.

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने एमएसपी को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने की किसानों के मांग का जिक्र करते हुए कहा कि देश में 85 फीसदी से ज्यादा छोटे, लघु और सीमांत किसान हैं और उनके बाइख्तियार बनाने के लिए उन्हें फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाना यकीनी बनान होगा. 

ये भी पढ़ें: प्रियंका गांधी ने PM मोदी को लिखा खत, लखीमपुर खीरी के पीड़ितों के लिए की ये मांग

उन्होंने कहा, 'यह आंदोलन इस मांग को माने बिना समाप्त नहीं होगा और किसानों में एक गुस्सा बना रहेगा, जो किसी न किसी रूप में सामने आता रहेगा. आखिर में किसानों को फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी मिलना इंतिहाई ज़रूरी है. सरकार को राष्ट्रहित में इस मांग को भी तत्काल मान लेना चाहिए. इससे, किसानों को एक बहुत बड़ा आर्थिक सुरक्षा चक्र मिल जाएगा और उनकी सूरते हाल में व्यापक सुधार होगा.'

उन्होंने कहा कि एमएसपी का निर्धारण कृषि लागत मूल्य आयोग के ‘सी2 प्लस 50 फीसदी फार्मूले’ की बनियाद पर होनी चाहिए. गांधी ने कहा, 'इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत भी हो चुकी है. मेरा मानना है कि यह फैसला अगर पहले ही ले लिया जाता तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आंदोलन में मारे गए किसानों के प्रति संवेदना का इज़हार करते हुए इनके परिजन को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा भी दिया जाना चाहिए.

उन्होंने आंदोलनकारियों पर दर्ज 'फर्जी मुकदमों' को भी वापस लेने की मांग की. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लोकतंत्र पर 'काला धब्बा' करार देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि इस घटना में गैरजानिबदार जांच और इंसाफ के लिए 'इसमें लिप्त एक केंद्रीय मंत्री पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'मेरा यकीन है कि किसानों की दूसरी मांगों को मांग लेने, लखीमपुर खीरी की घटना में इंसाफ का मार्ग प्रशस्त करने से आपका सम्मान देश में और बढ़ जाएगा. मुझे उम्मीद है कि इस सिलसिले में भी आप ठोस फैसला लेंगे.'

गौरतलब है कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग एक साल से राजधानी दिल्ली की कई सरहदी इलाकों पर खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान आंदोलन कर रहे हैं. तीनों कानूनों को रद्द करने के ऐलान का इस्तकबाल करते हुए किसान संगठनों ने भी एमएसपी के लिए कानून बनाने, आंदोलन में मारे गए किसानों के लिए मुआवजे सहित कुछ अन्य मांगे रखी हैं.

ये भी पढ़ें: राजस्थान में तीन मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, कैबिनेट में होगा बड़ा फेरबदल!

काबिले ज़िक्र है कि इससे पहले पिछले रोज़ प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार की सुबह राष्ट्र को संबोधित करते हुए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 को निरस्त करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने एमएसपी को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति गठित किए जाने का भी एलान किया।
(इनपुट- भाषा के साथ)

Zee Salaam Live TV:

Trending news

;