पूर्व IPS अधिकारियों की चुनावी लड़ाई से खास बन गया है बंगाल का डेबरा, जानें कौन हैं वो अफसर
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पूर्व IPS अधिकारियों की चुनावी लड़ाई से खास बन गया है बंगाल का डेबरा, जानें कौन हैं वो अफसर

पश्चिम बंगाल का डेबरा विधानसभा सीट बंगाल के दो पूर्व आईपीएस अफसरों की वजह से सुर्खियों में आ गया है.  यहां से टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने हुमायूं कबीर पर भरोसा जताया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से भारती घोष (Bharti Ghosh) को मैदान में उतारा है.

सांकेतिक तस्वीर

West Bengal Assembly Election 2021: बीजेपी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 57 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी . इस बार का विधानसभा चुनाव काफी खास होने वाला है. क्योंकि तृणमूल कांग्रेस बंगाल में हैट्रिक जमाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. वहीं, बंगाल से टीएमसी को उखाड़ फेंकने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भी कई दिग्गज नेताओं ,फिल्मी सितारों और खिलाड़ियों के साथ-साथ पूर्व आईपीएस अफसरों को भी मौका दिया है. बंगाल चुनाव में एक ऐसी भी सीट है, जहां से दो पूर्व आईपीएस अधिकारी चुनावी मैदान में एक दूसरे को पटखनी देने के लिए तैयार हैं. 

दो पूर्व IPS आमने-सामने 
पश्चिम बंगाल का डेबरा विधानसभा सीट बंगाल के दो पूर्व आईपीएस अफसरों की वजह से सुर्खियों में आ गया है.  यहां से टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने हुमायूं कबीर पर भरोसा जताया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से भारती घोष (Bharti Ghosh) को मैदान में उतारा है. भारती घोष पहले भी बीजेपी के टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं. 

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क्या बोलें हुमायूं कबीर 
भारतीय जनता पार्टी के तरफ से पश्चिम बंगाल के डेबरा विधानसभा सीट से भारती घोष का नाम सामने आने के बाद टीएमसी उम्मीदवार हुंमायू कबीर (Humayun Kabir) ने एक अंग्रेजी अखबार को इंटरव्यू दिया था. इसमें उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) द्वारा किए गए विकास पर ही मैं वोट मांगूंगा. यह चुनाव का समय है, इसलिए मुझे किसी न किसी के खिलाफ लड़ना होगा. इस सीट पर अन्य उम्मीदवार भी होंगे, इसलिए इसे सिर्फ मेरे और भारती घोष के बीच की लड़ाई के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.

पश्चिम बंगाल कैडेट की पूर्व आईपीएस अधिकारी 
कभी ममता बनर्जी की करीबियों में शुमार रहीं भारती घोष बंगाल कैडर की आईपीएस अधिकारी रह चुकी हैं. बताया जाता है कि भारती घोष ने 2017 में ट्रासफर को लेकर इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से पश्चिम बंगाल के घाटल से चुनाव लड़ी थीं. 

लगा चुकी हैं नक्सलियों पर लगाम 
भारती घोष ने सफलतापूर्वक नक्सलियों पर लगाम लगाने में बड़ी भूमिका अदा की थी. कुख्यात माओवादी नेता कोटेश्वर राव के एनकाउंटर का श्रेय भी भारती घोष को ही दिया जाता है. मुख्यमंत्री ममता ने भारती घोष को पश्चिमी मिदनापुर का SP बना दिया था. मिदनापुर माओवादियों से घिरा हुआ क्षेत्र है. माओवादी गतिविधियों पर काबू पाने में भारती घोष की भूमिका के चलते उन्‍हें 15 अगस्‍त 2014 को सर्विस मेडल से सम्‍मानित किया गया था. कोलकाता में जन्मीं भारती घोष के पास हार्वर्ड से इंटरनेशनल मार्केटिंग में डिग्री है. इसके अलावा यह भी बताया जाता है कि भारती ने एमबीए और एलएलबी की पढ़ाई कर रखी है.

भारती घोष मदिनापुर की रह चुकी हैं SP
पश्चिम बंगाल के डेबरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को लेकर भारती घोष ने एक इंटरव्यू में बताया कि  वह पश्चिमी मिदनापुर में अपनी सेवा दे चुकी हैं. पश्चिमी मिदनापुर और झारग्राम की पुलिस चीफ रह चुकी हैं और डेबरा पश्चिमी मिदनापुर में ही पड़ता है. 

 डेबरा में रहते हैं हुमायूं कबीर के माता-पिता
ममता बनर्जी के करीबी अधिकारियों में रहे हुमायूं कबीर का डेबरा में पैतृक घर हैं. राजनीति में आने से पहले हुमायूं कबीर चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के कमिश्नर थे. उन्होंने हाल ही में अपनी सेवा छोड़ दी और अपनी रिटायरमेंट से पहले ही TMC में शामिल हो गए. वह अप्रैल में रिटायर होने वाले थे.उनके माता-पिता आज भी डेबरा विधानसभा क्षेत्र में ही रहते हैं. इसलिए कबीर इस क्षेत्र को काफी करीब से जानते हैं. पिछले 2016 विधानसभा चुनाव में टीएमसी को इस सीट पर जीत मिली थी. यहां से पार्टी की सलीमा खातुन ने लेफ्ट पार्टी  के करीम को 10 जहार से ज्यादा वोटों के अतंर से हराया था.

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