कई विकसित देश लोगों को कोरोना की बूस्टर डोज़ देने का फैसला कर चुके हैं, ऐसे में यह सवाल हिंदुस्तान में भी खड़ा हो रहा है कि देश में कोरोना की बूस्टर डोज़ कब दी जाएगी।
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देश में कोरोना के मामलों में काफ़ी गिरावट आई है लेकिन कुछ राज्य ऐसे हैं जहां अभी भी कोरोना के मामले 10,000 से 1,00,000 के बीच हैं। सरकारें कोरोना की तीसरी लहर के खिलाफ़ तैयारी कर रही हैं, ऐसे में कोरोना की बूस्टर डोज़ का नाम सामने आ रहा है। कई विकसित देश लोगों को कोरोना की बूस्टर डोज़ देने का फैसला कर चुके हैं, ऐसे में यह सवाल हिंदुस्तान में भी खड़ा हो रहा है कि देश में कोरोना की बूस्टर डोज़ कब दी जाएगी। आपको बता दें बूस्टर डोज़ उन लोगों के लिए है जो लोग पूरी तरह से कोविड के खिलाफ़ वैक्सीनेट हो चुके हैं। यह डोज़ बीमारी के खिलाफ़ एक्सट्रा इम्युनिटी देती है।
बूस्टर खुराक के बारे में क्या कहता है स्वास्थ मंत्रालय?
स्वास्थ मंत्रालय ने साफ़ किया है कि पीएम मोदी की पहली प्राथमिक्ता सभी लोगों को कोरोना की दोनो डोज़ देना है। सरकार का टारगेट साल के अंत तक सभी को वैक्सिनेट करने का है। कोविड बूस्टर डोज़ अभी वैज्ञानिक चर्चा के केंद्र में नहीं है।
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इस मामले में आईसीएमआर के डीजी डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि कई एजेंसियों ने गुज़ारिश की है कि एंटीबॉडीज़ के स्तर को नहीं मापा जाना चाहिए और यह समझा जाना चाहिए कि दोनो डोज़ ज़रूरी हैं और इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा सरकार की पहली प्राथमिक्ता दोनो डोज़ देना है, चर्चा में बूस्टर डोज़ अभी केंद्रीय विषय नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में अब तक कोरोना वैक्सीन की 77 करोड़ 24 लाख 25 हजार 744 डोज़ दी जा चुकी हैं. 58 करोड़ 26 लाख 6 हजार 905 लोग कम से कम एक डोज ले चुके हैं, जबकि 18 करोड़ 98 लाख 18 हजार 839 लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी है.
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