प्यार नहीं मज़हब तब्दीली है निशाना: आसान जबान में जानिए, क्या कहता है योगी सरकार का अध्यादेश?
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प्यार नहीं मज़हब तब्दीली है निशाना: आसान जबान में जानिए, क्या कहता है योगी सरकार का अध्यादेश?

ऐसे में आपको हम आसान ज़बान में बताते हैं कि आखिर ये अध्यादेश कहता क्या है? यूपी कैबिनेट के ज़रिए किए गए ‘विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’में कुछ ऐसी चीज़ें हैं,जो धोखे या जबरन मज़हब बदलने की वारदातों पर लगाम लगाने का काम करेंगे.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: यूपी में लगातार हो रहीं लव जेहाद की वारदातों को देखते हुए योगी सरकार ने कैबिनेट में एक अध्यादेश को मंजूरी दी है. ये अध्यादेश झांसे में डालकर या झूठ बोलकर मज़हब बदलने की कोशिश पर लगाम लगाने के लिए बनाया गया है. इस अध्यादेश को लेकर तरह-तरह की रद्देअमल देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में आपको हम आसान ज़बान में बताते हैं कि आखिर ये अध्यादेश कहता क्या है? यूपी कैबिनेट के ज़रिए किए गए ‘विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’में कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जो धोखे या जबरन मज़हब बदलने की वारदातों पर लगाम लगाने का काम करेंगे.

1. झांसा देकर धर्म परिवर्तन किया तो होगी सख्ती
मज़हब छिपाकर या जबरन मज़हब बदलन कर शादियों को रोकने के लिए योगी सरकार ने अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दी है. झांसा देकर, झूठ बोलकर या छल-कपट करके मज़हब बदलने वालों के साथ सरकार सख्ती से पेश आएगी. कानपुर में आए लव जिहाद के 8 मामलों में ऐसा ही किया गया था.

2. सिर्फ शादी के लिए मज़हब बदलना काबिले कुबूल नहीं
अगर सिर्फ शादी के लिए लड़की का मज़हब बदला गया तो इसे नहीं माना जाएगा. ऐसी शादी न सिर्फ ना काबिले कुबूल होगी बल्कि मज़हब बदलवाने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है. किसी एक मज़हब से दूसरे मज़हब में लड़की का मज़हब बदलने पर सिर्फ एकमात्र प्रयोजन शादी के लिए किया जाता है तो ऐसा विवाह अमान्य माना जाएगा. 

3. कानून बना तो बनेगा गैर जमानती जुर्म
राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही ये कानून असर में आ जाएगा. नया कानून अमल में आने के बाद झांसा देकर मज़हब बदलवाने को गैर जमानती जुर्म माना गया है. 

4. मज़हब बदलने के लिए रज़ामंदी जरूरी
अध्यादेश के मुताबिक एक मज़हब से दूसरे मज़हब में लाने के लिए मुतअल्लिका फरीक को विहित प्राधिकारी के सामने ऐलान करना होगा कि यह मज़हब तब्दीली पूरी तरह रज़ामंदी से है. मुतअल्लिका लोगों को यह बताना होगा कि उन पर कहीं भी, किसी भी तरह का कोई लालच या दबाव नहीं है. मज़हब तब्दीली पूरी तरह रज़ामंदी से है.

6. डीएम को मज़हब तब्दीली के लिए देनी होगी जानकारी
अध्यादेश के मुताबिक मज़हब तब्दीलील से पहले मुतअल्लिका फरीक को तय फॉर्मेट पर जिला मजिस्ट्रेट को दो महीने पहले जानकारी देनी होगी. इसकी मुखालिफत करने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा हो सकती है. इस जुर्म में कम से कम जुर्माना 10,000 रुपये तय किया गया है.

7. जबरन मज़हब तब्दीली हुई तो चलेगा मुकदमा
दबाव डालकर, झूठ बोलकर और किसी अन्य छल-कपट तरीके से अगर मज़हब तबादीली कराई गई तो ये गैर ज़मानती जुर्म होगा. प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में इसका मुकदमा चलेगा. जुर्म साबित हुआ तो मुजरिम को कम से कम 1 और ज्यादा से ज्यादा 5 साल की सजा मिलेगी और 15 हजार का जुर्माना भी भरना होगा.

8. नाबालिग या दलित महिला की मज़हब तब्दीली पर 10 साल की सजा
अगर मज़हब का मामला नाबालिग लड़की, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के संबंध में हुआ तो मुजरिम को 3-10 साल तक जेल और कम से कम 25,000 जुर्माना अदा करना पड़ेगा.

9. इजतेमाई मज़हब तब्दीली पर भी सजा
नए कानून में इजतेमाई मज़हब तब्दीली (सामूहिक धर्म परिवर्तन) के मामले में 3-10 साल तक की जेल हो सकती है और कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा.

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