इस एजेंसी को सिर्फ कहने के लिए ही खतरनाक नहीं कहा जाता. बल्कि इसके पीछे कई ऐसी वजहें हैं जिसकी वजह यह दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी कही जाती है.
Trending Photos
)
नई दिल्ली: गुज़िश्ता शुक्रवार को इजरायली दूतावास के बाहर हुए धमाके की जांच हिंदुस्तानी एजंसियों ने शुरू कर दी है. वहीं खबर यह भी है कि इस धमाके की जांच इजरायली जांच एजेंसी मोसाद (Mossad) करने वाली है. यह एक बेहद खतरनाक एजेंसी है और जो भी इसका नाम सुनता है वो इसके बारे में जानने ख्वाहिश जरूर रखता है. तो आइए आज हम आपको इस एजेंसी के बारे में बताते हैं.
यह भी पढ़ें: इस पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती हैं ममता बनर्जी, भाजपा को होगा बड़ा नुकसान!
सबसे पहली बात तो यह कि इसको सिर्फ कहने के लिए ही खतरनाक नहीं कहा जाता. बल्कि इसके पीछे कई ऐसी वजहें हैं जिसकी वजह यह दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी कही जाती है.
दूसरे देशों में भी अपने दुश्मनों का करती है सफाया
यह एजेंसी कई बार दूसरे देशों के कानूनों की परवाह किए बगैर ही अपने ऑपरेशन को अंजाम देती है. दिसंबर, 1949 को बनी इस एजेंसी ने कभी फोन, तो कभी सूई, तो कभी सुपर स्पीड वाले हवाई जहाजों से दुश्मन को धूल धूसरित किया है. आइए जानते हैं, कुछ ऐसी ही घटनाओं के बारे में...
यह भी पढ़ें: UP पुलिस की हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट में नाम आने के बाद डॉ कफील दिया ऐसा जवाब
साल 1972 में म्यूनिख में ओलंपिक का आयोजन हुआ. Palestine Liberation Organization नाम की दहशतगर्दाना तंज़ीम ने ओलंपिक को खूनी खेल से रंग दिया था. उन्होंने 11 खिलाड़ियों को मौत के घाट उतार दिया गया. इसके बाद एंजेंसी मोसाद इस हमले का बदला लेने ठानी और कहा जाता है कि एजेंसी ने 11 लोगों की हिट लिस्ट बनाई गई.
यह भी पढ़ें: ओवैसी ने कांग्रेस को बताया 'बैंड-बाजा' पार्टी, भाजपा की B टीम के आरोप पर कही बड़ी बात
लिस्ट बनाने के बाद मोसाद ने उन्हें मौत के घाट उतारने के लिए वो सब कुछ किया जो किया जा सकता था. बताया जाता है कि मोसाद के एजेंट मिडिल ईस्ट के कई देशों की सिक्योरिटी एजेंसियों में घुस गए. कहा जाता है कि टारगेट को मारने से पहले उस फैमिली को बुके भेजा गया. जिसके साथ पैगाम में लिख गया कि हम ना तो भूलते हैं, ना ही माफ करते हैं.
वहीं साल 1960 में इस एजेंसी के एक एजेंट ने अर्जेंटीना में घुसकर नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन को इजरायल उठा लाए थे. कहा जाता है कि इसकी ज़रा भी भनक अर्जेंटीना को नहीं लगी थी.
यह भी पढ़ें: रिश्ता शर्मसार: बेटे ने किया मां का कत्ल, घर में ही लाश को लगाई आग और पकाया मुर्गा!
एक बार फ्रांस का एक जहाज़ इजरायली मुसाफिरों को लेकर उड़ा लेकिन उसे दहशतगर्दों ने अपने कब्ज़े में ले लिया था. जहाज को दहशतगर्द अफ्रीकी देश युगांडा के एयरपोर्ट पर लेकर ले गए थे. इसको लेकर भी मोसाद ने सख्त ऑपरेशन चलाया और सभी दहशतगर्दों को मौत की नींद सुलाकर अपने 54 मुसाफिरों को वापस ले आए थे.
कहा जाता है कि फिलिस्तीनी दहशतगर्द खलील अल वजीर (अबू जिहाद) ट्यूनीशिया में छिपकर बैठा था. मोसाद ने उसके खात्मे के लिए 30 एजेंट्स को जिम्मेदारी सौंपी. जिसके बाद वह टूरिस्ट बनकर पहले ट्यूनीशिया पहुंचे और आर्मी की यूनिफॉर्म में अबू जिहाद के घर में घुस गए और अंत में उसे गोलियों से भून दिया.
ZEE SALAAM LIVE TV