क्या अयोध्या के बाद सुलझेगा काशी-मथुरा तनाज़ा? सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam694776

क्या अयोध्या के बाद सुलझेगा काशी-मथुरा तनाज़ा? सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल

इस एक्ट में कहा गया है कि 15 अगस्त, 1947 को जो मज़हबी मकामात जिस तबके का था वो आज, और मुस्तकबिल में, भी उसी का रहेगा.

फाइल फोटो
फाइल फोटो

अयोध्या तनाज़े के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में काशी-मथुरा तनाज़े को लेकर भी अर्ज़ी दाखिल की गई है. अर्ज़ी में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 यानि इबादत वाली जगह (विशेष प्रावधान) एक्ट, 1991 को चुनौती दी गई है. हिंदू पुजारियों की तंज़ीम विश्व भद्र पुजारी पुरोहित महासंघ ने इस एक्ट के प्रावधान को चुनौती दी है.

अर्ज़ी में काशी और मथुरा तनाज़े को लेकर कानूनी कार्रवाई को फिर से शुरू करने की मांग की गई है. इस एक्ट में कहा गया है कि 15 अगस्त, 1947 को जो मज़हबी मकामात जिस तबके का था वो आज, और मुस्तकबिल में, भी उसी का रहेगा.

आपको बता दें कि इबादत वाली जगह (विशेष प्रावधान) एक्ट, 1991. एक एक्ट जो 15 अगस्त 1947 तक वजूद में आए हुए किसी भी मज़हब की पूजा वाली जगह को एक आस्था से दूसरे मज़हब में तब्दील करने और किसी यादगार की मज़हबी बुनियाद पर रखरखाव पर रोक लगाता है यह मरकज़ी कानून 18 सितंबर, 1991 को पास किया गया था.

हालांकि अयोध्या तनाज़ा को इससे बाहर रखा गया था क्योंकि उस पर पहले से ही कानूनी तनाज़ा चल रहा था. अर्ज़ी में कहा गया है कि इस एक्ट को कभी चुनौती नहीं दी गई और ना ही किसी अदालत ने अदालती तरीके से इस पर गौर किया. अयोध्या फैसले में भी सुप्रीम कोर्ट की आइनी बेंच ने इस पर सिर्फ तबसिया किया था. 

Zee Salaam Live TV

Trending news

;