शादी के दो हफ्ते बाद ही ससुराल से प्रताड़ित होने के बाद तलत जहां ने उठाया यह कदम, हो रही है तारीफ
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शादी के दो हफ्ते बाद ही ससुराल से प्रताड़ित होने के बाद तलत जहां ने उठाया यह कदम, हो रही है तारीफ

तलत जहां की कहानी काफी संघर्षों से भरी हुई है. शादी के कुछ हफ्ते बाद ही इनको ससुराल वाले प्रताड़ित करने लगे थे. जिसके बाद इनको अपने पति का घर छोड़ना पड़ा था. 

तलत जहां
तलत जहां

भोपाल: पूरे देश में सोमवार को अतंर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जो घरेलू हिंसा का शिकार हुई, दहजे के लिए प्रताड़ित किया गया, फिर भी वह कभी हिम्मत नहीं हारी और आज ऑटो चलाकर अपनी जिंदगी को नई ऊचाइयों पर पहुंचा रही है. ऑटो चलाने की वजह से यह अपने क्षेत्र में ऑटो वाली दीदी (Women auto driver) के नाम से फेमस हैं. इनके ऑटो की सवारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कर चुके हैं. 

दो हफ्ते बाद ही ससुराल वाले करने लगे थे प्रताड़ित 
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली तलत जहां (Talat Jahan) ऑटो चलाकर एक खुशहाल जिंदगी जी रही हैं. तलत की कहानी दूसरी लड़कियों से काफी अलग रही है. तलत की 2013 में शादी हो गई थी. इनके पति ट्रक पर क्लीनर का काम करते थे. शादी के 2 हफ्ते बाद ही ससुराल वालों ने उनको प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. इसके बाद तलत ने अपने पति के घर को छोड़ना ही उचित समझा. कुछ समय बाद वह अपनी अम्मी के पास आ गई. तलत की घर की स्थित इतनी अच्छी नहीं थी कि वह बाकी लड़कियों की तरह घर पर आराम से रह सके. 

तलत के पापा करते हैं मजदूरी 
तलत के पिता मजदूरी करते हैं और उनकी मां घर का काम करती है. तलत अपने बुजुर्ग मां-बाप के कंधों पर बोझ नहीं डालना चाहती थी. इसलिए उन्होंने कुछ करने का फैसला किया. उनके एक परिचित ने सुझाव दिया  कि तुम ऑटो चला सकती हो. उनकी अम्मी ने भी हौंसला दिया. इसके बाद तलत ने ऑटो चलाने का मन बना लिया. तलत ने 2016 में ऑटो ड्राइविंग की ट्रेनिंग ली. इसके बाद उन्होंने भोपाल की सड़कों पर ऑटो चलाना शुरू कर दिया और रोज 400 से 500 रुपए कमाती है. अतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर तलत ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी अपने ऑटो में बैठाया था. शिवराज ने तलत की हिम्मत की तारीफ भी की थी. 

तलत को पसंद है ऑटो चलाना 
तलत ने एक इंटरव्यू में बताया,'लोगों को अब यह सोचना बंद कर देना चाहिए कि औरतें कुछ नहीं कर सकतीं. हम हर तरह का काम कर सकते हैं और हमें कमतर नहीं समझना चाहिए. जब भी कोई इस बात पर कमेंट करता है कि एक लड़की ऑटो चला रही है, मैं इसे सकरात्मक लेती हूं. हो सकता है कि इससे पहले उन्होंने किसी लड़की को ऐसा करते नहीं देखा होगा और मैं खुद के ऊपर गर्व होता है. मैं इस काम को इसलिए करती हूं कि मुझे यह काम आच्छा लगता है, इसलिए नहीं कि मेरे पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है.'

महिलाएं पूछती हैं ऐसे सवाल 
तलत ने अपने अनुभव को शेयर करते हुए बताया, कई बार महिलाएं उनसे पूछती हैं कि क्या ऑटो चलाने वाले पुरुष कम पड़ गए थे? जो तुम एक लड़की होकर ऑटो चलाती हो. तलत महिलाओं के इन सवालों को बड़े ही बेबाक अंदाज में जवाब देती हैं. लाख मुश्किलों के बाद भी आज लगभग हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं. ढेर सारी आफतों से लड़ते हुए औरतें ऐसी जगहों पर भी पहुंच रही हैं, जिसे तथाकथित तौर पर केवल पुरुषों का काम माना जाता है. ऑटो ड्राइवर, जैसे पेशे को भी लोग पुरुष प्रधान काम के रूप में ही देखते हैं. ऐसे में किसी औरत का ऑटो ड्राइवर बनना वाकई में काबिले तारीफ है.

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