जानकारी के मुताबिक यशवंत सिन्हा भाजपा से काफी दिनों से नाराज चल रहे थे.
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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सीनियर नेता यशवंत सिन्हा ने पार्टी को झटका देते हुए टीएमसी का दामन थाम लिया है. जानकारी के मुताबिक यशवंत सिन्हा भाजपा से काफी दिनों से नाराज चल रहे थे. वे कई बार अलग-अलग मुद्दों पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं.
यशवंत सिन्हा के एक काबिल नेता माने जाते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्होंने वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारियां संभाली थीं.
इस दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा कि प्रजातंत्र का मतलब होता है कि सरकार के प्रतिनिधि 24 घंटे जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें. देश का अन्नदाता पिछले 3 महीने से दिल्ली की सरहद पर बैठा है और किसी को कोई चिंता नहीं है. देश में शिक्षा-स्वास्थ्य दुर्दिन से गुजर रहे हैं लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
Kolkata: Former BJP leader Yashwant Sinha joins Trinamool Congress, ahead of West Bengal Assembly elections pic.twitter.com/K3s9TQNPlS
— ANI (@ANI) March 13, 2021
बता दें कि यशवंत सिन्हा 1960 में सिविल सर्विसेज से जुड़े थे और अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम ओहदों पर अपनी सेवाएं दीं. उन्होंने साल 1984 में सिविल सर्विसेज से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 1986 में वे जनता दल के सदस्य के तौर पर सियासत में आ गए थे. 1986 में उनको पार्टी का ऑल इंडिया जनरल सैक्रेटरी चुना गया और 1988 में राज्यसभा के लिए भी चुने गए.
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जानकारी के मुताबिक जून 1996 में यशवंत सिन्हा भाजपा के प्रवक्ता बने थे और मार्च 1998 में उनको वित्त मंत्री के तौर पर चुना गया था. यशवंत सिन्हा भाजपा के उपाध्यक्ष भी रहे हैं. इस ओहदे से उन्होंने 13 जून 2009 को इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा भी वे कई आला ओहदों पर काबिज रहे.
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