Zee Opinion Poll: इन चार जिलों में मुस्लिम वोटर्स निभाएंगे बड़ी भूमिका; जानिए, किसे मिलेगा यहां बढ़त
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Zee Opinion Poll: इन चार जिलों में मुस्लिम वोटर्स निभाएंगे बड़ी भूमिका; जानिए, किसे मिलेगा यहां बढ़त

Zee Opinion Poll: उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly Election) के 70 सीटों पर चुनाव के तारीखों का ऐलान किया जा चुका है. प्रदेश के चार जिलों के 36 सीटों पर मुस्लिम मतदाता वोटिंग को प्रभावित करने की हैसियत रखते (Muslims Voters Impacts on 36 seats of four Districts) हैं. यहां देखिए कौन-सी सीट किस पार्टी में जा सकती है. 

 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों  (Uttarakhand Assembly Election) की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सभी राजनीतिक दल रणनीति बनाकर उसे साधने में जुट गए हैं और अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. जातीय और धार्मिक समीकरण यहां के चुनाव नतीजों को भी प्रभावित करते हैं. जाति की लिहाज से उत्तराखंड ठाकुरों की सर्वाधिक आबादी है. इसके बाद पंडित और दलितों की आबादी है. इस प्रदेश में दूसरे राज्यों के मुुकाबले ओबीसी की आबादी सिर्फ 7 फीसदी है जबकि यहां धार्मिक आधार पर वोटर्स की बात करें तो मुसलमानों की आबादी 13.95 फीसदी के आसपास (Muslim Population in Uttarakhand ) है. ये आबादी किसी भी उम्मीदवार के भाग्य का फैसला करने के लिए निर्णायक भूमिका निभाती है.  

इन चार जिलों में निर्णायक भूमिका में मुस्लिम मतदाता 
गढ़वाल और कुमायूं दोनों क्षेत्रों की बात करें तो यहां कुल चार ऐसे जिले में हैं, जहां मुस्लिम वोटर्स की अच्छी खासी आबादी है. गढ़वाल रिजन के हरिद्वार जिले में मुस्लिम मतदाताओं की लगभग 34 प्रतिशत आबादी है जबकि इसी क्षेत्र के देहरादून में 13 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं की भागिदारी है. कुमांयू रिजन के नैनीताल में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी लगभग 13 फीसदी है, वहीं उधमसिंह नगर में 23 फीसदी मुस्लिम मतदाता रहते हैं. इस तरह इन चार जिलों में मुस्लिम मतदाताओं का एकजुट वोट किसी भी दल और उम्मीदवार के भाग्य का फैसले करने के लिए निर्णायक माने जाते हैं.

हरिद्वार जिले के 11 सीटों का जानें हाल 
हरिद्वार जिले में कुल 11 सीटें है. हरिद्वार के अलावा यहां भेल रानीपुर, ज्वालापुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, पिरान कलियर, रुड़की, खानपुर, मंगलौर, लक्सर, हरिद्वार ग्रामीण सीटें हैं. यहां पिछले बार के जीते हुए इस बार के सर्वे में जीत की संभावना की बात करें तो हरिद्वार में भाजपा उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद, यहां 2017 में भी भाजपा उम्मीदवार ने सीट जीती थी. भेल रानीपुर में भी भाजपा उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद है और पिछली बार 2017 में भी भाजपा उम्मीदवार ने यह सीट जीती थी. ज्वालापुर में इस बार कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद है जबकि 2017 में यह सीट भाजपा के पास थी. भगवानपुर में इस बार कांग्रेस उम्मीदवार की जीत का स्पष्ट रूझान है, हालांकि पिछली बार 2017 में भी यह सीट कांग्रेस उम्मीदवार ने जीती थी. झबरेड़ा से इस साल कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद है जबकि 2017 में यह सीट भाजपा के पास थी. पिरान कलियर से इस बार भी कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने की संभावना है और 2017 में भी यह सीट कांग्रेस के पास थी. रुड़की सीट पर इस बार कांग्रेस उम्मीदवार के जीत की संभावना है जबकि 2017 में भाजपा उम्मीदवार ने यह सीट जीती थी.खानपुर सीट इस बार भी भाजपा के खाते में जाती दिख रही है और 2017 में भी यह सीट भाजपा के पास थी. मंगलौर सीट पिछली बार भी कांग्रेस के पास थी और इस बार भी कांग्रेस के पास रहने की संभावना है. हरिद्वार के लक्सर सीट से इस बार बसपा उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद है जबकि 2017 में यह सीट भाजपा के पास थी. हरिद्वार ग्रामीण की बात करें तो यह इस बार भाजपा के खाते में जाती दिख रही है और ये 2017 में भी भाजपा उम्मीदवार के पास थी. 

देहरादून में छह सीटें भाजपा के खाते में जा सकती है 
देहरादून जिले में चकराता, विकासनगर, सहसपुर, धरमपुर, रायपुर, राजपुर, देहरादून कैंट, मसूरी, डोईवाला, ऋषिकेश कुल 10 सीटें हैं.चकराता सीट पर इस बार कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद, यह सीट 2017 में भी कांग्रेस के पास थी. विकासनगर सीट इस कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही है जबकि पहले 2017 में यह भाजपा के पास थी. सहसपुर सीट 2017 में भी भाजपा के पास थी और इस बार भी भाजपा के पास रहने की संभावना है. धरमपुर पहले भी भाजपा के पास थी इस बार भी भाजपा के खाते में रहेगी. रायपुर भाजपा उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद है, 2017 में भी यह भाजपा के पास रही है. राजपुर सीट पहले भाजपा के पास थी, इस बार कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद है. देहरादून कैंट भाजपा के जीतने की उम्मीद, 2017 में भी यह सीट भाजपा के पास थी. मसूरी सीट भाजपा उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद, 2017 में भी यह सीट भाजपा उम्मीदवार ने सीट जीती थी. डोईवाला 2017 में भाजपा के पास थी, इस बार यह सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है. ऋषिकेश की बात करें तो यह सीट भाजपा के खाते में ही रहेगी. 2017 से यहां भाजपा है. 

उधमसिंह नगर में कांग्रेस को मिलेगी बढ़त 
उधमसिंह नगर में जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा,
सितारगंज, नानकमत्ता और खटीमा कुल नौ विधानसभा सीटें हैं. यहां जसपुर सीट पर कोई बदलाव नहीं होगा. यह सीट पहले कांग्रेस ने जीती थी इस बार भी कांग्रेस के पास रहेगी. काशीपुर सीट पर भाजपा की जीत हो सकती है, यह पहले 2017 में भी भाजपा के पास थी. बाजपुर सीट 2017 में भाजपा के खाते में थी लेकिन इस बार कांग्रेस के पाले में जाती दिख रही है. गदरपुर सीट पर बदलाव की संभावना नहीं है, भाजपा इसे बरकरार रखेगी. रुद्रपुर में भी बदलाव की संभावना नहीं है, भाजपा इसे बचाए रखेेगी. किच्छा सीट पहले भाजपा के खाते में थी , इस बार इस सीट को कांग्रेस झटक सकती है. सितारगंज सीट भाजपा बरकरार रखेगी. नानकमत्ता सीट कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद, 2017 में यहां भाजपा थी. खटीमा सीट कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद, 2017 में यह भाजपा के पास थी. 

नैनिताल में बराबरी का हो सकता है मुकाबला 
नैनिताल जिले में लालकुआं, भीमताल, नैनीताल, रामनगर, हल्द्वानी और कालाढूंगी ये छह विधानसभा सीटें हैं. यहां लालकुआं सीट पर पहले से भाजपा उम्मीदवार है और इस बार भी भाजपा के जीतने की उम्मीद है. भीमताल सीट भी भाजपा बरकरार रख सकती है जबकि नैनीताल सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है. पहले यह सीट भाजपा के पास थी. हल्द्वानी पहले भी कांग्रेस के पास थी, इस बार भी कांग्रेस के खाते में रह सकती है. कालाढूंगी सीट भाजपा बरकरार रखेगी, जबकि रामनगर सीट इस बार कांग्रेस भाजपा से झटक सकती है. 

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