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कॉमेडियन वीर दास ने अमेरिका में भारत को लेकर पढ़ी विवादित कविता, मच गया हंगामा

वीर दास (Vir Das) की इस कविता पर लोग हर मुद्दे की तरह दो धड़ों में बंट गए हैं. कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने कविता की हिमायत करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ''वीर दास इसमें कोई शक नहीं है कि दो भारत है.

कॉमेडियन वीर दास ने अमेरिका में भारत को लेकर पढ़ी विवादित कविता, मच गया हंगामा

नई दिल्ली: मशहूर स्टेंडअप कॉमेडियन वीर दास (Vir Das) अपनी एक कविता को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से ट्रोल हो रहे हैं. कॉमेडियन वीर दास ने यह कविता (टू इंडियाज़) अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में एक शो के दौरान पढ़ी. उसके बाद उन्होंने अपनी इस परफॉर्मेंस को यूट्यूब चैनल पर भी पोस्ट किया था. जिसके बाद से कॉमेडियन लोगों के निशाने पर बने हुए हैं. 

क्या है वीर दास की कविता (Vir Das Poem On India)
मैं एक उस भारत से आता हूं, जहां बच्चे एक दूसरे का हाथ भी मास्क पहन कर पकड़ते हैं, लेकिन नेता बिना मास्क एक-दूसरे को गले लगाते हैं.
मैं उस भारत से आता हूं, जहां एक्यूआई 9000 है लेकिन हम फिर भी अपनी छतों पर लेटकर रात में तारे देखते हैं.
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में उनका गैंगरेप हो जाता है.
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम ट्विटर पर बॉलीवुड को लेकर बंट जाते हैं, लेकिन थियेटर के अंधेरों में बॉलीवुड के कारण एक होते हैं.
मैं एक ऐसे भारत से आता हूं, जहां पत्रकारिता ख़त्म हो चुकी है, मर्द पत्रकार एक दूसरे की वाहवाही कर रहे हैं और महिला पत्रकार सड़कों पर लैपटॉप लिए बैठी हैं, सच्चाई बता रही हैं.
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हमारी हंसी की खिलखिलाहट हमारे घर की दीवारों के बाहर तक आप सुन सकते हैं और मैं उस भारत से भी आता हूं, जहां कॉमेडी क्लब की दीवारें तोड़ दी जाती हैं, जब उसके अंदर से हंसी की आवाज़ आती है.
मैं उस भारत से आता हूं, जहां बड़ी आबादी 30 साल से कम उम्र की है लेकिन हम 75 साल के नेताओं के 150 साल पुराने आइडिया सुनना बंद नहीं करते.
मैं ऐसे भारत से आता हूं, जहां हमें पीएम से जुड़ी हर सूचना दी जाती है लेकिन हमें पीएमकेयर्स की कोई सूचना नहीं मिलती.
मैं ऐसे भारत से आता हूं, जहां औरतें साड़ी और स्नीकर पहनती हैं और इसके बाद भी उन्हें एक बुज़ुर्ग से सलाह लेनी पड़ती है, जिसने जीवन भर साड़ी नहीं पहनी.
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम शाकाहारी होने में गर्व महसूस करते हैं लेकिन उन्हीं किसानों को कुचल देते हैं, जो ये सब्ज़ियां उगाते हैं.
मैं उस भारत से आता हूं, जहां सैनिकों को हम पूरा समर्थन देते हैं तब तक, जब तक उनकी पेंशन पर बात ना की जाए.
मैं उस भारत से आता हूं, जो चुप नहीं बैठेगा
मैं उस भारत से आता हूं, जो बोलेगा भी नहीं
मैं उस भारत से आता हूं जो मुझे हमारी बुराइयों पर बात करने के लिए कोसेगा
मैं उस भारत से आता हूं, जो लोग अपनी कमियों पर खुल कर बात करते हैं
मैं उस भारत से आता हूं, जो ये देखेगा और कहेगा 'ये कॉमेडी नहीं है.. जोक कहां है?'
और मैं उस भारत से भी आता हूं जो ये देखेगा और जानेगा कि ये जोक ही है. बस मज़ाकिया नहीं है.

क्या बोले कपिल सिब्बल?
वीर दास की इस कविता पर लोग हर मुद्दे की तरह दो धड़ों में बंट गए हैं. कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने कविता की हिमायत करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ''वीर दास इसमें कोई शक नहीं है कि दो भारत है. हम नहीं चाहते हैं कि एक भारतीय दुनिया को इस बारे में बताए. हम असहिष्णु और पाखंडी हैं.

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शशि थरूर ने भी की हिमायत
वहीं शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक स्टैंडअप कॉमेडियन जिसे सही मायने में 'स्टैंड-अप' होने का मतलब पता है, शारीरिक नहीं बल्कि नैतिकता की बुनियाद पर  खड़े होने का मतलब जानता है. वीर दास ने लाखों लोगों की तरफ़ से बोला है. अपने 6 मिनट के वीडियो में उन्होंने दो तरह के भारत की बात की है और बताया है कि वह किस भारत के लिए खड़े हैं. ये जोक तो है लेकिन मज़ाकिया बिल्कुल नहीं है.

कौन हैं कॉमेडियन वीर दास? (Who Is Vir Das)
कॉमेडियन वीर दास उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले हैं. वीर दास ना सिर्फ कॉमेडियन हैं बल्कि वो एक एक्टर भी हैं. उन्होंने 2007 में आई फिल्म नमस्ते लंदन से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था. उनका जन्म साल 1979 में 31 मई को हुआ था. वीर दास ने इकोनॉमिक्स और एक्टिंग में ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने यूएस से पढ़ाई की है. साथ ही वीर दास पहली बार किसी विवाद में नहीं घिरे हैं. इससे पहले भी कई विवादों में रह चुके हैं. 

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