Urdu Poetry in hindi: इक डूबती धड़कन की सदा लोग न सुन लें... मोहब्बत पर 10 शेर

Siraj Mahi
Nov 29, 2024

हमारी मुस्कुराहट पर न जाना, दिया तो क़ब्र पर भी जल रहा है

मेरे अपने अंदर एक भँवर था जिस में, मेरा सब कुछ साथ ही मेरे डूब गया है

अंजाम को पहुँचूँगा मैं अंजाम से पहले, ख़ुद मेरी कहानी भी सुनाएगा कोई और

गया था माँगने ख़ुशबू मैं फूल से लेकिन, फटे लिबास में वो भी गदा लगा मुझ को

हैरत से जो यूँ मेरी तरफ़ देख रहे हो, लगता है कभी तुम ने समुंदर नहीं देखा

बिखर के फूल फ़ज़ाओं में बास छोड़ गया, तमाम रंग यहीं आस-पास छोड़ गया

न थी ज़मीन में वुसअत मिरी नज़र जैसी, बदन थका भी नहीं और सफ़र तमाम हुआ

इक डूबती धड़कन की सदा लोग न सुन लें, कुछ देर को बजने दो ये शहनाई ज़रा और

उतारा दिल के वरक़ पर तो कितना पछताया, वो इंतिसाब जो पहले बस इक किताब पे था

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