'ख़ुदा से तिरा चाहना चाहता हूं', आसी ग़ाज़ीपुरी के शेर

Siraj Mahi
Nov 09, 2023


मेरी आँखें और दीदार आप का या क़यामत आ गई या ख़्वाब है


ख़ुदा से तिरा चाहना चाहता हूँ मेरा चाहना देख क्या चाहता हूँ


वो फिर वादा मिलने का करते हैं यानी अभी कुछ दिनों हम को जीना पड़ेगा


दर्द-ए-दिल कितना पसंद आया उसे मैं ने जब की आह उस ने वाह की


किस को देखा उन की सूरत देख कर जी में आता है कि सज्दा कीजिए


वो कहते हैं मैं ज़िंदगानी हूँ तेरी ये सच है तो उन का भरोसा नहीं है


मिलने वाले से राह पैदा कर उस से मिलने की और सूरत क्या


वो यहाँ तक जो आ नहीं सकते क्या मुझे भी बुला नहीं सकते


ऐ जुनूँ फिर मिरे सर पर वही शामत आई फिर फँसा ज़ुल्फ़ों में दिल फिर वही आफ़त आई

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