'गुज़रे जो अपने यारों की सोहबत में चार दिन', ए जी जोश के शेर

Siraj Mahi
Oct 08, 2023

हम तो ज़िंदा हैं तेरे वा'दों पर... तू नहीं तेरा इंतिज़ार सही

फिर उम्र भर कभी न सुकूँ पा सका ये दिल... कटने थे जो भी कट गए राहत में चार दिन

ज़ख़्म खाते हैं और मुस्कुराते हैं हम... हौसला अपना ख़ुद आज़माते हैं हम

बे-रुख़ी से जो दिल तोड़ देते हैं 'जोश'... उन के ही प्यार के गीत गाते हैं हम

ज़िंदगी मिलती जो सौ बार हमें दुनिया में... हम तो हर बात इसे आप पे वारा करते

इतना एहसान तो हम पर वो ख़ुदारा करते... अपने हाथों से जिगर चाक हमारा करते

वो शब जो सितारों से भरी हो तो हमें क्या... पहलू में अगर तेरे मिरी शब न बसर हो

सूना सूना दिल का मुझे नगर लगता है... अपने साए से भी आज तो डर लगता है

गुज़रे जो अपने यारों की सोहबत में चार दिन... ऐसा लगा बसर हुए जन्नत में चार दिन

VIEW ALL

Read Next Story