'मुस्कुराहट है हुस्न का ज़ेवर', अब्दुल हमीद अदम अदम के शेर

Siraj Mahi
Oct 09, 2023

मुस्कुराहट है हुस्न का ज़ेवर... मुस्कुराना न भूल जाया करो

इक हसीं आँख के इशारे पर... क़ाफ़िले राह भूल जाते हैं

हुस्न इक दिलरुबा हुकूमत है... इश्क़ इक क़ुदरती ग़ुलामी है

मैं उम्र भर जवाब नहीं दे सका 'अदम'... वो इक नज़र में इतने सवालात कर गए

सवाल कर के मैं ख़ुद ही बहुत पशेमाँ हूँ... जवाब दे के मुझे और शर्मसार न कर

जिन से इंसाँ को पहुँचती है हमेशा तकलीफ़... उन का दावा है कि वो अस्ल ख़ुदा वाले हैं

बढ़ के तूफ़ान को आग़ोश में ले ले अपनी... डूबने वाले तिरे हाथ से साहिल तो गया

तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया.. ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मिरे पास रह गया

शायद मुझे निकाल के पछता रहे हों आप... महफ़िल में इस ख़याल से फिर आ गया हूँ मैं

VIEW ALL

Read Next Story