'भोली बातों पे तेरी दिल को यक़ीं'; आरज़ू लखनवी के शेर

Siraj Mahi
Apr 16, 2024


भोली बातों पे तेरी दिल को यक़ीं... पहले आता था अब नहीं आता


किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी... झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी


निगाहें इस क़दर क़ातिल कि उफ़ उफ़... अदाएँ इस क़दर प्यारी कि तौबा


खिलना कहीं छुपा भी है चाहत के फूल का... ली घर में साँस और गली तक महक गई


फिर चाहे तो न आना ओ आन बान वाले... झूटा ही वअ'दा कर ले सच्ची ज़बान वाले


वफ़ा तुम से करेंगे दुख सहेंगे नाज़ उठाएँगे... जिसे आता है दिल देना उसे हर काम आता है


हद से टकराती है जो शय वो पलटती है ज़रूर... ख़ुद भी रोएँगे ग़रीबों को रुलाने वाले


पूछा जो उन से चाँद निकलता है किस तरह... ज़ुल्फ़ों को रुख़ पे डाल के झटका दिया कि यूँ


तेरे तो ढंग हैं यही अपना बना के छोड़ दे... वो भी बुरा है बावला तुझ को जो पा के छोड़ दे

VIEW ALL

Read Next Story