हार्ट-अटैक

भारत में कोरोना के बाद से हार्ट-अटैक से मरने वाले लोगों की तादाद में काफी इजाफा हुआ है. लगातार अटैक से मौत का सबसे बड़ा कारण कोविशील्ड वैक्सीन को माना जा रहा है.

एस्ट्राजेनेका

अब ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में माना कि कोविशील्ड दुर्लभ मामलों में टीटीएस का कारण बन सकता है, जिससे खून के थक्के बन सकते हैं. इसके साथ ही प्लेटलेट डाउन हो सकते हैं.

चिंपैंजी एडेनोवायरस ChAdOx1

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन जिसे भारत में कोविशील्ड और यूरोप में वैक्सजेवरिया के नाम से बेचा जाता है. इस वैक्सीन को संशोधित चिंपैंजी एडेनोवायरस ChAdOx1 का उपयोग करके विकसित किया गया है.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया

एस्ट्राजेनेका ने भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी कर लगभग 90 प्रतिशत भारतीय आबादी के लिए कोविशील्ड का निर्माण किया.

डॉ. ईश्वर गिलाडा

डॉ. ईश्वर गिलाडा ने बताया कि टीटीएस बहुत ही दुर्लभ है, लेकिन 0.002 प्रतिशत भी एक बड़ी आबादी वाले देश में बहुत ज्यादा हो जाती है.

टीटीएस

रिपोर्ट के मुताबिक 50,000 में से 0.002 प्रतिशत लोगों में टीटीएस पाया गया है.

कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स?

TTS एक बेहद रेयर डिजीज है, जिससे बॉडी में प्लेटलेट कम होने लगते हैं. इसके चलते दिमाग और दूसरे अंगों पर होता है.यही कारण है कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है.

क्या है मामला?

टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबकि, ब्रिटिश-स्वीडिश मल्टीनेशनल फार्मास्युटिकल कंपनी ने यूके की अदालत के दस्तावेजों में पहली बार एक्सेप्ट किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन खून के थक्के का खतरा पैदा कर सकती है

51 मामले दर्ज

एस्ट्राजेनेका के खिलाफ यूके हाई कोर्ट में खरीब 51 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि उसके कोविड वैक्सीन के कारण कई मौतें हुई हैं.

क्या कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले सभी लोगों को चिंतित होना चाहिए?

डॉ. गिलाडा ने कहा कि हमें डरने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि ऐसा बहुत कम लोगों के साथ हुआ है.

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