इस एक सुन्नत को अपनाते हैं दुनियाभर के मुसलमान; किसी फिरके को नहीं है ऐतराज
Siraj Mahi
May 28, 2024
क्या है खतना? इस्लाम में खतना करना सुन्नत है. दुनियाभर के लगभग सारे मुसलमान खतना कराते हैं. ज्यादातर लोग बचपन में ही खतना कराते हैं, लकेन कुछ लोग बड़े होकर खतना कराते हैं.
खतने का मतलब 'खतना' लैटिन शब्द है. इसका मतलब होता है 'काटना' या काटकर अलग करना. खतना कराने की वैज्ञानिक दलील यह दी जाती है कि इससे साफ सफाई रहती है.
गंदगी नहीं होती माना जाता है कि लिंग की अगली त्वचा को काट कर अलग करने से गंदगी नहीं होती है. इससे साफ सफाई रहती है. इससे बीमारी होने का खतरा कम से कम रहता है.
खतने से होते हैं मुसलमान? जो शख्स खतना नहीं कराता वह भी मुसलमान होता है. खतना कराना सुन्नत है. अगर कोई शख्स खतना नहीं कराता है तो कोई गुनाह नहीं है.
मुसलमान क्यों कराते हैं? हर मुसलमान खतना इसलिए कराता है क्योंकि पैगंबर मोहम्मद स0 की चार सुन्नतें हैं. खतना कराना, मिस्वाक करना, इतर लगाना, निकाह करना. इसलिए मुसलमान को खतना कराना चाहिए.
कौन करता है? कोई भी आम शख्स जिसको थोड़ी बहुत चिकित्सा की जानकारी हो वह खतना कर सकता है. हालांकि भारत और पाकिस्ता जैसे इलाकों हज्जाम खतना करता है.
खतने पर हदीस अबुहुरैरा रजि0 कहते हैं कि पैगंबर मो0 ने फरमाया कि "पांच चीजें फितरत हैं या फितरत में से हैं: खतना करना, गुप्तांग के बाल काटना, बगल के बाल काटना, नाखून काटना और मूंछ कटाना." (सुनन अबू दाऊद/किताब अलतरज्जुल:4198)
कौन-कौन कराता है खतना? मुसलमानों के अलाला यहूदी और ईसाई खतना कराते हैं. अगर किसी व्यक्ति के लिंग में कोई इंफेक्शन होता है तो डॉक्टर उसे खतने करने के लिए बोलते हैं.
नोट- ये जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है. ज़ी सलाम इसकी तस्दीक नहीं करता है. खतने के बारे में ज्यादा जानकारी संबंधित विशेषज्ञ या मौलाना से लें.