फिरकों में बंटे होने के बावजूद, इस बात पर सहमत हैं दुनियाभर के मुसलमान; यहूदी-ईसाई भी नहीं करते इंकार
Siraj Mahi
Jun 01, 2024
क्या है खतना? इस्लाम में खतना करना सुन्नत है. दुनियाभर के लगभग सारे मुसलमान खतना कराते हैं. ज्यादातर लोग बचपन में ही खतना कराते हैं, लेकिन कुछ लोग बड़े होकर खतना कराते हैं.
खतने का मतलब 'खतना' लैटिन भाषा का शब्द है. इसका मतलब होता है 'काटना' या काटकर अलग करना. खतना कराने की वैज्ञानिक दलील यह दी जाती है कि इससे साफ सफाई रहती है.
गंदगी नहीं होती माना जाता है कि लिंग की अगली त्वचा को काट कर अलग करने से गंदगी नहीं होती है. इससे साफ सफाई रहती है. एक रिसर्च में कहा गया है कि इससे गुप्तांग का कैंसर नहीं होता.
खतने से होते हैं मुसलमान? जरूरी नहीं है जो शख्स खतना नहीं कराता वह मुसलमान नहीं है. जो शख्स खतना नहीं कराता है वह भी मुसलमान होता है. खतना कराना सुन्नत है. अगर इसे छोड़ा जाता है तो गुनाह भी नहीं है.
मुसलमान क्यों कराते हैं? हर मुसलमान खतना इसलिए कराता है क्योंकि पैगंबर मोहम्मद स0 की चार सुन्नतें हैं. खतना कराना, मिस्वाक करना, इतर लगाना, निकाह करना. इसलिए दुनियाभर के मुसलमान खतना कराते हैं.
कौन करता है? कोई भी आम शख्स जिसको थोड़ी बहुत चिकित्सा की जानकारी हो वह खतना कर सकता है. हालांकि भारत और पाकिस्ता जैसे इलाकों हज्जाम खतना करता है.
ये भी कराते हैं कई बार कुछ लोगों को डॉक्टर खतना कराने के सलाह देते हैं. इसके अलावा गैर मुस्लिम जैसे यहूदी और ईसाई भी खतना कराते हैं.
खतने पर हदीस अबुहुरैरा रजि0 कहते हैं कि पैगंबर मो0 ने फरमाया कि "पांच चीजें फितरत हैं या फितरत में से हैं: खतना करना, गुप्तांग के बाल साफ करना, बगल के बाल साफ करना, नाखून तराशना और मूंछ कटाना."
नोट- ये जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है. ज़ी सलाम इसकी तस्दीक नहीं करता है. खतने के बारे में ज्यादा जानकारी संबंधित विशेषज्ञ या मौलाना से लें.