दिल छू लेंगे फैज अहमद फैज के ये शेर

Siraj Mahi
Oct 23, 2023


सारी दुनिया से दूर हो जाए... जो ज़रा तेरे पास हो बैठे


आए तो यूँ कि जैसे हमेशा थे मेहरबान... भूले तो यूँ कि गोया कभी आश्ना न थे


वो बात सारे फ़साने में जिस का ज़िक्र न था... वो बात उन को बहुत ना-गवार गुज़री है


दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के... वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के


बड़ा है दर्द का रिश्ता ये दिल ग़रीब सही... तुम्हारे नाम पे आएँगे ग़म-गुसार चले


इस तरह अपनी ख़ामुशी गूँजी... गोया हर सम्त से जवाब आए


दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है... लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है


एक उम्मीद से दिल बहलता रहा... इक तमन्ना सताती रही रात भर


अब अपना इख़्तियार है चाहे जहाँ चलें... रहबर से अपनी राह जुदा कर चुके हैं हम

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