Urdu Poetry in Hindi: दुनिया से कहो जो उसे करना है वो कर ले, अब दिल में...

Siraj Mahi
Dec 25, 2024

हर गली कूचे में रोने की सदा मेरी है, शहर में जो भी हुआ है वो ख़ता मेरी है

क्या बदन है कि ठहरता ही नहीं आँखों में, बस यही देखता रहता हूँ कि अब क्या होगा

दुनिया से कहो जो उसे करना है वो कर ले, अब दिल में मिरे वो अलल-एलान रहेगा

वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा, तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से मैं

मैं रोना चाहता हूँ ख़ूब रोना चाहता हूँ मैं, फिर उस के बाद गहरी नींद सोना चाहता हूँ मैं

किसी कली किसी गुल में किसी चमन में नहीं, वो रंग है ही नहीं जो तिरे बदन में नहीं

चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है, अक्स किस का है कि इतनी रौशनी पानी में है

अंदर के हादसों पे किसी की नज़र नहीं, हम मर चुके हैं और हमें इस की ख़बर नहीं

उस जगह जा के वो बैठा है भरी महफ़िल में, अब जहाँ मेरे इशारे भी नहीं जा सकते

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