बेजा तारीफ करना भी है गुनाह? जानें इस पर क्या कहता है इस्लाम

Siraj Mahi
Nov 15, 2023


इस्लाम में जिस तरह से किसी की बुराई करने से मना किया गया है, उसी तरह से किसी की बेजा तारीफ करने से भी मना किया गया है.


अगर कोई शख्स किसी चीज की लालच में बेजा तारीफ कर रहा है, तो वह आपका बड़ा नुक्सान कर रहा है.


एक हदीस में प्रोफेट मोहम्मद (स.) ने फरमाया है कि जो शख्स बख्शिश (लालच) के लिए आपकी तारीफ कर रहा है उसे बख्शिश न दो.


तारीफ करने वालों से मुराद वो लोग हैं, जिनका पेशा ही बेजा तारीफ करना है. इस्लाम में बताया गया है कि ऐसे लोग बख्शिश की वजह से जमीन आसमान के कुलाबे मिलाते हैं.


एक जगह इरशाद है कि अगर कोई शख्स किसी दूसरे शख्स की तारीफ करे और वह वहां मौजूद हो तो समझो उसने उस शख्स का गला काट दिया.


एक हदीस में जिक्र है, जो शख्स लोगों पर जुल्म करता है और अल्लाह के हुक्म का पालन नहीं करता है. उसकी इज्जत न की जाए.


अगर मुस्लिम समाज में किसी ऐसे शख्स की तारीफ की जाती है और उसका स्वागत किया जाता है, जो दुराचारी है, तो उस समाज में अल्लाह के दीन से लगाव नहीं है. अगर है भी तो वह सिर्फ नाम का.


इस्लाम में बताया गया है कि अगर कोई किसी शख्स की तारीफ करे, तो बस ये कहे कि "मैं फला शख्स को भला समझता हूं, बाकि अल्लाह बेहतर जाने."


हदीस में जिक्र है कि "अल्लाह के रसूल (स.) ने फरमाया: जब तुम (बेजा) तारीफ करने वालों को देखो तो उनके मुंह पर मिट्टी डाल दो." (हदीस: मुस्लिम)

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