कुरान पढ़ने में भूलकर भी न करें ये गलती; होगा बड़ा गुनाह

Siraj Mahi
Mar 28, 2024

रमजान
रमजान का मुबारक महीना चल रहा है. इन दिनों लोग खूब नमाज पढ़ते हैं और इबादत करते हैं. रमजान में कुरान की तिलावत का भी एहतमाम बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि कुरान को अच्छे तरीके से पढ़ा जाए.

तिलावत ए कुरान
मौलाना अशरफ अली थानवी अपनी किताब 'बहिश्ती जेवर' में कहते हैं कि कुरान शरीफ को सही-सही सही पढ़ना बाजिब है. हर अक्षर को ठीक-ठीक पढ़े, और पूरी आवाज निकाल कर पढ़े.

कोशिश
अगर किसी से कोई अक्षर नहीं निकलता, तो सही पढ़ने की मश्क करना जरूरी है. अगर सही पढ़ने की मेहनत नहीं करेंगे, तो गुनहगार होंगे और आपकी कोई नमाज सही न होगी, हां, अगर मेहनत से भी दुरूस्ती न हो, तो मजबूरी है.

सही पढ़ें
अगर सब अक्षर सही निकलते हैं, लेकिन ऐसी बे-परवाई से पढ़ती है कि एक ही आवाज निकलने के बजाए, दूसरे की निकलती है, सब गुनहगार है और नमाज सही नहीं होगी.

सूरा
जो सूरा पहली रकात में पढ़ी है, वही सूरा दूसरी रकात में पढ़ गई, तो भी कुछ हर्ज नहीं, लेकिन बे जरूरत ऐसा करना बेहतर नहीं.

मकरूह
जब कोई सूरा शुरू करे, तो बे जरूरत उसको छोड़कर दूसरी सूरा शुरू करना मकरूह है.

बच्चे
कुरान को हमेशा कवर में बंद करके रखें. इससे कुरान गंदी नहीं होगी. कुरान को हमेशा छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखें, ताकि अनजाने में कुरान की बेहुर्मती न हो.

पेज
अक्सर लोग कुरान के पन्ने मोड़ देते हैं. ऐसा न करें. इससे कुरान के पन्ने फट जाते हैं. कोशिश करें कि कुरान में निशानी के लिए कोई दूसरे साफ कागज का इस्तेमाल करें.

VIEW ALL

Read Next Story