इस्लाम में मातहत कर्मचारियों के अधिकार; क्या कहता है हदीस और कुरान?

Siraj Mahi
Nov 07, 2023


इस्लाम अपने नौकरों और मुलाजिमों के साथ अच्छा सुलूक करने की नसीहत देता है.


प्रोफेट मोहम्मद (स.) के जमाने में लोग अपने गुलामों के साथ बहुत बुरा बर्ताव करते थे. उन्हें भर पेट खाना नहीं देते थे. उनसे उनकी ताकत से ज्यादा काम लेते थे.


इसलिए प्रोफेट मोहम्मद (स.) ने फरमाया कि अपने गुलामों और नौकरों पर रहम ( दया) करो. उन्हें अच्छा खिलाओ, हल्का फुल्का काम लो.


इस्लाम में कहा गया है कि मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी दे दो. यह बात नौकरों के बारे में भी लागू होती है.


नौकरों के बारे में इस्लाम में कहा गया है कि ये तुम्हारे भाई हैं. अल्लाह ने इन्हें तुम्हारे मातहत किया है. इन्हें खिलाओ और पहनाओ. इनकी ताकत के हिसाब से काम लो.


अगर आप अपने नौकर पर उसकी ताकत से ज्यादा काम डालो तो उसका हाथ बटाओ.


गुलामों या मुलाजिमों को मारने से मना किया गया है. इस बात का खास तौर से जिक्र है कि अपने गुलामों के मुंह पर न मारो.


तुम अपने नौकरों से जितना हल्का काम लोगे तुम्हारे नामे आमाल में उतना ही ज्यादा सवाब लिखा जाएगा.


नौकरों के बारे में जिक्र है कि वह अपना काम पूरी ईमानदारी से करें और अपनी रोजी को अपने काम से हलाल बनाएं.

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