Urdu Poetry in Hindi: ...सज्दा कर लेता हूँ जब सामने तू आता है, उर्दू के 10 खूबसूरत शेर

Siraj Mahi
Dec 10, 2024

वही दिन है हमारी ईद का दिन, जो तिरी याद में गुज़रता है

तौहीद तो ये है कि ख़ुदा हश्र में कह दे, ये बंदा ज़माने से ख़फ़ा मेरे लिए है

तौहीद तो ये है कि ख़ुदा हश्र में कह दे, ये बंदा दो-आलम से ख़फ़ा मेरे लिए है

सारी दुनिया ये समझती है कि सौदाई है, अब मिरा होश में आना तिरी रुस्वाई है

न नमाज़ आती है मुझ को न वज़ू आता है, सज्दा कर लेता हूँ जब सामने तू आता है

दौर-ए-हयात आएगा क़ातिल क़ज़ा के ब'अद, है इब्तिदा हमारी तिरी इंतिहा के ब'अद

ऐ अजल तुझ से भी क्या ख़ाक रहेगी उम्मीद, वादा कर के जो तिरा रोज़ मुकरना है यही

शिकवा सय्याद का बेजा है क़फ़स में बुलबुल, याँ तुझे आप तिरा तर्ज़-ए-फ़ुग़ाँ लाया है

तुझ से क्या सुब्ह तलक साथ निभेगा ऐ उम्र, शब-ए-फ़ुर्क़त की जो घड़ियों का गुज़रना है यही

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