"इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए", मुनव्वर राणा के 10 सबसे बेहतरीन शेर

Siraj Mahi
May 22, 2024

सहरा
सहरा पे बुरा वक़्त मिरे यार पड़ा है... दीवाना कई रोज़ से बीमार पड़ा है

इंतिज़ार
ये सोच कर कि तिरा इंतिज़ार लाज़िम है... तमाम उम्र घड़ी की तरफ़ नहीं देखा

चेहरा
हर चेहरे में आता है नज़र एक ही चेहरा... लगता है कोई मेरी नज़र बाँधे हुए है

इश्क़
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए... आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए

दहलीज़
दहलीज़ पर सर खोले खड़ी होगी ज़रूरत... अब ऐसे में घर जाना मुनासिब नहीं होगा

ओझल
पचपन बरस की उम्र तो होने को आ गई... लेकिन वो चेहरा आँखों से ओझल न हो सका

भूल
ऐसा लगता है कि वो भूल गया है हम को... अब कभी खिड़की का पर्दा नहीं बदला जाता

खिलौने
खिलौनों के लिए बच्चे अभी तक जागते होंगे... तुझे ऐ मुफ़्लिसी कोई बहाना ढूँड लेना है

बुलंदी
बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है... बहुत ऊँची 'इमारत हर घड़ी ख़तरे में रहती है

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