यतीमों के साथ ये काम करने से मिलता है सवाब, जानें क्या कहत है इस्लाम
Siraj Mahi
Nov 08, 2023
इस्लाम में हर किसी के हक के बारे में बात की गई है. इसी तरह से यतीमों (जिनके मां-बाप गुजर गए) का भी हक है. इस्लाम में बताया गया है कि औरतों और यतीमों के हक की हिफाजत करो.
प्रोफेट मोहम्मद (स.) ने फरमाया है कि अगर तुम उनके हक अदा न कर सकोगे तो तुम अपने नबी की नाफरमानी और तौहीन करोगे.
इसके अलावा प्रोफेट मोहम्मद (स.) ने यह भी कहा है कि जो यतीमों का सरपरस्त बनेगा वह मेरे साथ जन्नत में रहेगा.
अगर आपके मातहत कोई भी यतीम है और उसके नाम जायदाद है, तो उसकी जायदाद उसके बड़े होने से पहले न खर्च कर डालो.
यतीमों को न मारो. अगर उन्हें गलती पर मारना है तो उतना ही मारना जितना अपनी औलाद को मारोगे या उसे सजा दोगे.
एक जगह जिक्र है कि अगर आप किसी यतीम के सिर पर हाथ फेर देते हैं, तो अल्लाह ताला इसका भी अज्र आपको देंगे.
बताया जाता है कि अगर आप यतीमों को पढ़ाई के लिए फीस देते हैं तो आपको इसका अज्र मिलता है.
हदीस 'नसई' में जिक्र है कि "खुवैलिद इब्ने-अम्र (र.) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (स.) ने फरमाया: ऐ अल्लाह! मैं इन कमजोरों: यतीमों और औरतों के हक को मोहतरम ठहराता हूं."