इजराइल इस वक्त पूरी दुनिया में इजराइल और फलस्तीन की लड़ाई और उसके ऐतिहासिक पक्षों पर चर्चा हो रही है.
Oct 24, 2023
धार्मिक पक्षों इस लड़ाई में लोग धार्मिक पक्षों को लेकर भी बात कर रहे हैं. आइए जानते हैं, यहूदी धर्म क्या है ? इसका इस्लाम और क्रिश्चियन से क्या कनेक्शन है ?
यहूदी मजहब यहूदी मजहब काफी पुराना है. इस धर्म से सबसे ज्यादा लोग इजराइल में मौजूद है. इस मजहब के लोग एक ही इश्वर की इबादत करते हैं.
मुस्लिम धर्म मुस्लिम धर्म में भी एक ही इश्वर की इबादत की जाती है. दोनों में मूर्ती पूजा को पाप माना जाता है. मुस्लिम दिन में 5 बार और यहूदी 3 बार नमाज़ पढ़ते हैं.
हिब्रू यहूदियों की धार्मिक भाषा इब्रानी है, जिसे हिब्रू भी कहा जाता है. इस मजहब का प्रमुख धर्मग्रंथ तनख है. वहीं इस्लाम का कुरआन है.
यहोवा यहूदी अपने खुदा का नाम यहोवा बताते हैं. उनके मुताबिक, यहूदियों के पहले पैगंबर हजरत मूसा ने इस नाम को बताया था.
यहूदी धर्म दरअसल, इन सभी धर्मों का कनेक्शन उनके पैगंबरों से जुड़ा हुआ है. यहूदी धर्म की शुरुआत पैगंबर इब्राहिम से मानी जाती है, जो 2000 ईसा पूर्व में आए थे.
हजरत इब्राहिम हजरत इब्राहिम को यहूदी, मुस्लिम और ईसाई तीनों ही अपने पैगंबर मानते हैं. यहूदी धर्म में हजरत मूसा सबसे लास्ट पैगंबर है. इसके बाद यहूदी धर्म में कोई पैगंबर अभी तक नहीं आए हैं.
यरूशलम यरूशलम में जिस स्थान को मुस्लिम और यहूदी दोनों दावा करते हैं, दरअसल, तीनों धर्मों में सबसे पवित्र शहर माना जाता है. यहूदियों का मानना है कि यहीं हजरत मूसा ने यहूदियों को मजहब की तालिम दी थी.
पैगंबर मुहम्मद साहब वहीं मुस्लिमों का मानना है कि पैगंबर मुहम्मद साहब यहीं से सातवें आसमान पर गए थे. इसके अलावा क्रिश्चन का मानना है कि ईशा मसीह की ये कर्म भूमि थी.