इसलिए रेप के खिलाफ है इस्लाम, बताए इससे बचाव के तरीके
Siraj Mahi
Nov 13, 2023
इस्लाम हर बुरी बात से रोकता है. बुराई को पनपने वाला माहौल ही न बने यानी उन परिस्थितियों पर ही रोक लगाता है, जहाँ से किसी तरह की बुराई या व्यभिचार जन्म लेता है.
इंसान अगर अपने जहन में किसी बुरे ख्याल का तसव्वुर (कल्पना) करता है, तो जिस्म के सारे अंग उसे पूरा करने के लिए लग जाते हैं.
इसलिए इस्लाम में कहा गया है कि जब भी आपके मन में बुरे ख्याल आएं, तो सबसे पहले उसे ताकत के जोर से दबाने की कोशिश करनी चाहिए.
इस्लाम में बलात्कार को संगीन गुनाह माना गया है, और इस गुनाह करने वाले को पत्थरों से मार-मार कर मौत की सज़ा देना का हुक्म देता है.
इस्लाम में किसी स्त्री को कामुक नज़र से देखना भी गुनाह बताया गया है. उसके साथ हमबिस्तर के ख्याल करना भी गुनाह की श्रेणी में रखा गया है.
एक हदीस में आता है कि अगर कोई शख्स किसी को कामवासना की नजर से देखता है तो यह उसकी आंखों का जिना है. कामवासना के बारे में बातचीत करना जबान का जिना है.
किसी को कामवासना की नियत से पकड़ना हाथ का जिना है. इसके लिए चलकर कहीं जाना पैरों का जिना है. ख्वाहिश और तमन्ना दिल का जिना है.
एक हदीस में आता है कि जिसकी जवानी, जवानी की बुराइयों से महफूज रही (जिना से महफूज रही) वह जन्नत का हकदार है.
इस्लाम में जिना से बचाव के तरीकों के बारे में बताया गया है. इसके लिए कहा गया है कि अगर आप हैसियत रखते है हों तो निकाह (शादी) कर लें.
इसके अलावा जो शख्स शादी करने की हैसियत नहीं रखता है वह रोजे रखे. रोज़े रखने का यहां अर्थ इन्द्रियों को अपने काबू में रखना है.