अमेरिका के प्रतिबंध लगाने के बाद रूस जिस स्पेस स्टेशन को गिराने का बात कह रहा है वह या तो अमेरिका में गिरेगा या फिर भारत में. यह स्टेशन इस तरह से हवा में तैर रहा है कि इसके नीचे भारत-चीन या अमेरिका आते हैं. इससे स्पेस स्टेशन के गिरने का खतरा एक बार फिर भारत पर ज्यादा है.
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सिराज माही/नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के दरमियान युद्ध जारी है. इस बीच अमेरिका ने जंग रोकने के लिए रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका का कहना है कि रूस पर प्रतिबंध से उसकी अंतरिक्ष में रफ्तार धीमी हो सकती है. रूस अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों से नाराज है उसने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS)
को क्या यूरोप, भारत या अमेरिका पर गिरा दे? इससे भारत और चीन में ये डर पैदा हो गया है कि कहीं ये स्पेस उस पर न गिर जाए. बताया जाता है कि यह स्पेस एक फुटबॉल के ग्राउंड जितना बड़ा है. इसका वजन 500 टन है.
पहले भी दुनिया डरी थी
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब किसी देश पर स्पेस स्टेशन या उपगृह गिरने का खतरा मंडरा रहा है. इससे पहले दुनिया उस वक्त दहशत में आ गई थी जब उस पर 85 टन का उपगृह गिरने वाला था.
अमेरिका ने भेजा उपगृह
दरअसल 70 के दशक में अमेरीका और रूस के बीच अंतरिक्ष में उपगृह भेजने की होड़ मच गई थी कि किसका अंतरिक्ष कार्यक्रम ज्यादा आगे होगा. इस दरमियान रूस अमेरिका समते कई दूसरे देशों ने भी तकरीबन 1000 छोटे बड़े उपगृह अंतरिक्ष में भेजे.
खराब हो गया था उपगृह
इन्हीं उपगृह के साथ अमेरिका ने साल 1973 में 'स्काई लैब' नाम का एक उपगृह अंतरिक्ष में भेजा. इस उपगृह को साल 1983 तक काम करना था लेकिन किसी वजह से इस उपगृह ने काम करना बंद कर दिया. इसे 276 मील पर स्थापित किया गया था. लेकिन जब यह खराब हो गया तो यह धरती की तरफ गिरा और 180 मील पर आकर रुक गया. इससे धरती पर इसके गिरने का खतरा मंडराने लगा. इसके बाद वैज्ञानिकों समेत दुनियाभर के लोग दहशत में आ गए कि कहीं ये उनके ऊपर न गिर जाए.
400-500 टुकड़े हो सकते थे
इसी दौरान वैज्ञानिकों ने ऐलान किया कि यान का मलबा 6 जुलाई से 28 जुलाई 1975 के बीच पृथ्वी पर गिर सकता है. वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि इस यान के 400-500 टुकड़े हो जाएंगे और यह 4000 मील लंबे और 100 मील चौड़े इलाके में गिरेंगे.
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भारत के लोग ज्यादा डरे थे
वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि यह दुनिया के किसी भी हिस्से में गिर सकता है. इसके अलावा भारत में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा या पश्चिम बंगाल में गिर सकता है. इससे भारत के लोग काफी दहशत में थे.
निर्जन इलाके में गिरा
अमेरिकी स्पेस सेंटर NASA के वैज्ञानिकों ने 'स्काई लैब' को विस्फोट से उड़ाने, उसकी दिशा बदलने जैसी कई तरकीबें निकालीं लेकिन यह मुम्किन नहीं हो सता. आखिरकार यह 11 जुलाई 1979 को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के निर्जन इलाके में गिरा जिससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
भारत में गिर सकता है ISS
ख्याल रहे कि अमेरिका के प्रतिबंध लगाने के बाद रूस जिस स्पेस स्टेशन को गिराने का बात कह रहा है वह या तो अमेरिका में गिरेगा या फिर भारत में. यह स्टेशन इस तरह से हवा में तैर रहा है कि इसके नीचे भारत-चीन या अमेरिका आते हैं. इससे स्पेस स्टेशन के गिरने का खतरा एक बार फिर भारत पर ज्यादा है.
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