बगदाद: इराक में रविवार शाम संसदीय चुनावों के लिए वोटिंग खत्म हुई. यह चुनाव तय वक्त से कुछ महीने पहले हुए हैं जबकि देश में कई युवा कार्यकताओं ने चुनाव का बॉयकॉट किया है जो दो साल पहले देश में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के खात्मे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे.


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भारी विरोध के चलते अफसरों ने जल्द चुनाव कराने की बात की लेकिन प्रदर्शन के दौरान लोगों की मौत होने और दमनकारी कार्रवाई को लेकर उन युवा कार्यकर्ताओं ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया. जिन्होंने इन प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. 


हालांकि इराक के चुनाव के चुनाव करा रही एक आजाद संस्था के मुताबिक अगले 48 घंटों में चुनाव नतीजे आने का अंदाजा है. सरकार के कयाम के साथ प्रधानमंत्री को चुनने के लिए बातचीत महीनों तक चलने की उम्मीद है. वोटिंग रविवार सुबह शुरू हुई थी.


बता दें कि इस बार के चुनाव में 329 सीटों पर कुल 3449 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इराक में 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल करने के बाद छठी बार चुनाव हुए हैं. इस बार देश भर में महफूज वोटिंग के लिए 2,50,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की तैनात की गई थी. 


दरअसल यह चुनाव अगले साल होने वाला था, लेकिन विरोध-प्रदर्शनों के चलते यह तय समय से पहले करा लिया गया है. साल 2019 के आखिर में भ्रष्टाचार, खराब सेवा और बढ़ती बेरोजगारी के विरोध में हजारों की तादाद में लोग राजधानी बगदाद और दक्षिणी प्रांतों में सड़कों पर उतरे थे. 


कुछ महीने चले प्रदर्शन के दौरान 600 से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई थी और हजारों लोग घायल हुए थे. हालांकि तय समय से पहले हुए चुनाव में बेहद कम प्रतिशत मतदान हुआ है. क्योंकि हजारों की तादाद में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया जिन्हें रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े. 


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