`इस्लाम शांति का मज़हब, धर्म के नाम पर हिफाजत की अराजकता सिर्फ सियासी फायदे के लिए`
गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने कहा,`इस्लाम कभी भी किसी भी हिंसा की इजाज़त नहीं देता है क्योंकि यह अमन का मज़हब है.`
ढाका: बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा है कि दहशतगर्दाना तंजीम हिफाजत-ए-इस्लाम के ज़रिए मज़हब के नाम पर की गई इंतेशार (अराजकता) की वकालत सिर्फ सियासी फायदा हासिल करने के लिए की जा रही है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे के दौरान लागू 28 मार्च को देशव्यापी हड़ताल के दौरान जिन घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ और आगजनी की गई, वहां जाने के बाद उन्होंने शुक्रवार को यह टिप्पणी की.
मंत्री ने कहा कि कानून अपने खुद के पाठ्यक्रम का पालन करेगा और हिफजात दहशतगर्दों में से कोई भी बख्शा नहीं जाएगा, जिन्होंने इस्लाम के नाम पर हाल ही में और उससे पहले इंसानियत के खिलाफ जुर्म किए हैं. उन्होंने कहा,"मैं यहां आया था और देखा गया था कि क्या हुआ. मैं आपसे वादा करता हूं कि हम उन लोगों की पहचान करेंगे जो बर्बरता में शामिल थे और उन्हें इंसाफ दिलाएंगे. कानून अपना रास्ता अपनाएगा और यहां किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा."
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गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने कहा,"इस्लाम कभी भी किसी भी हिंसा की इजाज़त नहीं देता है क्योंकि यह अमन का मज़हब है."
इसके अलावा शुक्रवार को, आपराधिक जांच विभाग ने हिफाजत के केंद्रीय नेता और सुनामगंज -3 निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व सांसद, शाहीनुर पाशा चौधरी को हाल ही में बर्बरता और अत्याचार में शामिल होने के लिए सिलहट में अपने बोनाकलपारा घर से गिरफ्तार किया.
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उकऊ के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें ब्राह्मणबारिया में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत के सामने रखा गया है. पाशा, हिफाजत की हाल ही में भंग समिति और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम बांग्लादेश के केंद्रीय उपाध्यक्ष के कानूनी मामलों के सचिव थे. उन्होंने मार्च के कत्ले आम का निर्देशन और नेतृत्व किया था और 2013 के उग्रवादी तंजीम के ज़रिए किए गए एक से ज्यादा मामलों में भी आरोपी है.
(इनपुट: आईएएनएस)
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