चीन ने माना गलवान खूनी संघर्ष में मारे गए थे इतने सैनिक, PLA के रेजिमेंट लीडर क्वी फबाओ की भी हुई थी मौत
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चीन ने माना गलवान खूनी संघर्ष में मारे गए थे इतने सैनिक, PLA के रेजिमेंट लीडर क्वी फबाओ की भी हुई थी मौत

नई दिल्लीः चीन की  पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (Peoples Liberation Army) ने लद्दाख की गलवान घाटी में हुए झड़प के दौरान मारे गए अपने जवानों की बात को कबूल कर लिया है.

PLA  रेजिमेंट लीडर क्वी फबाओ

नई दिल्लीः चीन की  पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (Peoples Liberation Army) ने लद्दाख की गलवान घाटी में हुए झड़प के दौरान मारे गए अपने जवानों की बात को कबूल कर लिया है. पिछले साल  जून में   भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में पीएलए के पांच सैनिकों की मौत की बात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने स्वीकार किया है. इस झड़प में उस सैनिक की भी मौत हुई ,जो  LAC पर भारतीय सैनिकों को धमकी दे रहा था. 

क्वी फबाओ की भी हुई थी मौत 
चीन का मुखपत्र ग्लोबल  (Global Times) टाइम्स ने ‘पीएलए डेली’ की खबर के हवाले से बताया कि गलवान (Galwan Valley)में झड़प के दौरान मरने वालों में पीएलए की शिनजियांग सेना कमान के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फबाओ (Qi Fabao) भी शामिल था. दरअसल पिछले साल 15 जून की  रात में एलएसी पर तनाव की स्थिति पैदा होने से पहले भारत और चीन के सैनिकों का दिन में आमना-सामना हुआ था. इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच बहस भी हुआ था. बहस के दौरान पीएलए का रेजिमेंट लीडर क्वी फबाओ काफी आक्रामक तरीके से भारतीय जवानों को धमका रहा था. इसके बाद भारतीय शूरवीरों ने 15 जून की रात हुई झड़प में उसे मार गिराया था. जिसके बाद चीन फबाओ को  'सीमा की रक्षा करने वाले नायक रेजिमेंटल कमांडर' की उपाधि दिया है.

रुसी एजेंसी ने किया था यह दावा 
भारत ने भी दावा किया था कि चीन के करीब 40 से अधिक सैनिक गलवान संघर्ष में मारे गए थे. इतना ही नहीं, हाल ही में रूसी सामाचार एजेंसी TASS ने दावा किया कि 15 जून को गलवान घाटी झड़प में कम से कम 45 चीनी सैनिक भी मारे गए थे. इससे पहले भी कई रिपोर्ट में ऐसे खुलासे हुए थे. मगर चीन ने तब तक आधिकारिक तौर पर अपने सैनिकों के मरने की बात को नहीं कबूली थी.

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ड्रेगन ने माना मार गए थे इतने सैनिक
ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए की डेली रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि गलवान खूनी संघर्ष में उसके चार सैनिक मारे गए थे, वहीं एक की मौत गलवान के खूनी झड़प में रेस्क्यू के वक्त नदी में बहने से हुई थी. चीन ने अपने सैनिकों को लेकर लिखा है कि इन सैनिकों ने राष्‍ट्रीय संप्रभुता और अपनी जमीन की रक्षा करते हुए जान दे दी. भारत और चीन के बीच गलवान संघर्ष 45 साल में सबसे बड़ा खूनी संघर्ष था. 

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