रिकॉर्ड छह महीनों के लिए अंतरिक्ष केंद्र पहुंचा इस देश के अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल
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रिकॉर्ड छह महीनों के लिए अंतरिक्ष केंद्र पहुंचा इस देश के अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल

यह चीन के इतिहास में अंतरिक्ष का सबसे लंबा मानव अभियान है. लॉन्ग मार्च-2एफ रॉकेट से शुक्रवार देर रात 12 बजकर 23 मिनट पर अंतरिक्ष यान को भेजा गया और करीब साढ़े छह घंटे बाद शनिवार सुबह छह बजकर 56 मिनट पर यान तियांगोंग अंतरिक्ष केंद्र के कोर मॉड्यूल पहुंचा.

अलामती तस्वीर

बीजिंगः चीन की एक महिला समेत तीन अंतरिक्ष यात्री छह महीने के रिकार्ड मिशन पर शेनझोउ-13 से शनिवार को अंतरिक्ष केंद्र के कोर मॉड्यूल तियान्हे पहुंच गएद हैं. चीनी अंतरिक्ष यात्री झाई झिगांग, वांग यापिंग और ये ग्वांग्फू अंतरिक्ष केंद्र के निर्माणाधीन कोर मॉड्यूल तियान्हे पहुंच गए.  वे तियान्हे का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए छह महीने तक वहां रहेंगे. यह चीन के इतिहास में अंतरिक्ष का सबसे लंबा मानव अभियान है.
वांग अंतरिक्ष केंद्र जाने वाली चीन की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं?. ‘चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी’ (सीएमएसए) ने बताया कि लॉन्ग मार्च-2एफ रॉकेट से शुक्रवार देर रात 12 बजकर 23 मिनट पर अंतरिक्ष यान को भेजा गया और करीब साढ़े छह घंटे बाद शनिवार सुबह छह बजकर 56 मिनट पर यान तियांगोंग अंतरिक्ष केंद्र के कोर मॉड्यूल पहुंचा.

मिशन की अवधि, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती
क्रू के कमांडर झाई ने कहा कि इस मिशन की अवधि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इस मिशन की अवधि पहले के मिशन से दोगुनी है. झाई ने अंतरिक्ष केंद्र के लिए रवाना होने से पहले कहा, ‘‘बिना गुरुत्वाकर्षण के अंतरिक्ष में छह महीने तक रहना अंतरिक्ष यात्री के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और उपकरण की विश्वसनीयता की अभूतपूर्व परीक्षा है.’’ हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार की खबर के मुताबिक, अंतरिक्ष एजेंसी तियांगोंग में कोई आपात स्थिति होने पर कम अवधि में प्रक्षेपण के लिए एक और अंतरिक्ष यान तैयार रखेगी.

इससे पहले 3 माह के अंतरिक्ष यात्रा पर मिशन भेज चुका है चीन 
अंतरिक्ष यात्री छह महीने के वकफे के दौरान सैकड़ों अंतरिक्ष औषधि और भौतिक प्रयोग करने के अलावा दो से तीन स्पेसवॉक भी करेंगे और भविष्य के निर्माण अभियान में मदद के लिए एक रोबोटिक उपकरण स्थापित करेंगे. चीन के निर्माणाधीन अंतरिक्ष केंद्र के लिए यह दूसरा मानव यान भेजा गया है. इससे पहले तीन अंतरिक्ष यात्री नी हईशेंग, लियु बोमिंग और तांग होंग्बो तीन महीने तक अंतरिक्ष केंद्र में रहने के बाद 17 सितंबर को पृथ्वी पर लौटे थे.

चीन इस अंतरिक्ष केंद्र से दुनियाभर की करेगा निगरानी 
देश के हाल के मंगल और पूर्व के चंद्र मिशनों के बाद इस अंतरिक्ष परियोजना को चीन के लिए सबसे प्रतिष्ठित और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. कम ऊंचाई वाली कक्षा में स्थित यह अंतरिक्ष केंद्र आसमान में देश की आंख होगा और दुनिया पर चैबीसों घंटे नजर रखने में उसकी मदद करेगा. इस अंतरिक्ष केंद्र के अगले साल तक तैयार होने की उम्मीद है. जब यह तैयार हो जाएगा तो चीन इकलौता देश होगा, जिसका अपना अंतरिक्ष केंद्र होगा जबकि पुराना हो रहा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) कई देशों की संयुक्त परियोजना है. इसके आईएसएस का प्रतिस्पर्धी बनने की उम्मीद है और आईएसएस के काम न करने के बाद कक्षा में संभवतः यह इकलौता अंतरिक्ष केंद्र होगा.

चंद्रमा पर भी एक अंतरिक्ष केंद्र बनाने की चीन और रूस की योजना
तियान्हे का प्रक्षेपण 29 अप्रैल को किया गया था और इसके लिए एक मालवाहक अंतरिक्ष यान 29 मई को भेजा गया था. जब यह अंतरिक्ष केंद्र तैयार हो जाएगा तो इसके चीन के करीबी सहयोगियों जैसे पाकिस्तान और अन्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग साझेदारों के लिए खुलने की संभावना है. सीएमएसए के सहायक जी किमिंग ने पिछले महीने कहा था कि रूस के साथ करीबी सहयोग के अलावा फ्रांस, इटली, पाकिस्तान समेत अन्य देशों के साथ भी चीन के द्विपक्षीय सहयोग हैं. सरकारी मीडिया ने यहां बताया कि चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष केंद्र बनाने की भी चीन और रूस की योजना है. 

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