शी जिनफिंग ने किया अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बती शहर का दौरा, भारत और तिब्बत में मची हलचल
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शी जिनफिंग ने किया अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बती शहर का दौरा, भारत और तिब्बत में मची हलचल

न्यिंगची, तिब्बत में एक प्रांत स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जिस दावे को भारत ने हमेशा मजबूती से खारिज किया है.

शी जिनफिंग

बिजिंगः चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने अरुणाचल प्रदेश के नजदीक वाके रणनीतिक तौर पर काफी अहमीयत रखने वाले तिब्बत से लगे सरहदी शहर न्यिंगची का दौरा किया है. आधिकारिक मीडिया की तरफ से जुमे को यह जानकारी दी गई है. सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के मुताबिक, शी बुध को ‘न्यिंगची मेनलिंग एयरपोर्ट’ पहुंचे.आईसीटी ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि शी पहली बार 20 जुलाई को दक्षिण-पूर्वी तिब्बत के निंगत्री में मेनलिंग हवाई अड्डे पर उतरे थे. वहां मकामी लोगों और मुखतलिफ जातीय समूहों के अफसरान ने गर्मजोशी से उनका इस्तकबाल किया. इसके बाद ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में पारिस्थितिक संरक्षण का मुआयना करने के लिए वह ‘न्यांग रिवर ब्रिज’ गए, जिसे तिब्बती जबान में ‘यारलुंग जंगबो’ कहा जाता है.

जिनफिंग ने अपने संबोधन में क्या कहा? 
जिनफिंग ने आपने दौरे के दौरान लोगों से खिताब करते हुए कहा कि वह पहले निंगत्री में लोगों से मिलने आए. उन्होंने कहा कि एक भी जातीय समूह को पूरी तरह से आधुनिक समाजवादी चीन बनाने के प्रयासों में पीछे नहीं रहना चाहिए. शी ने कहा कि जनता को चीन के कायाकल्प और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अगले 100 वर्षों के लिए काम करना चाहिए. राष्ट्रपति को ल्हासा में पोटाला पैलेस के सामने एक सभा को संबोधित करते हुए भी देखा गया, जहां उन्होंने कहा कि जब तक हम कम्युनिस्ट पार्टी का अनुसरण करते हैं और जब तक हम चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद के मार्ग पर चलते हैं, हम निश्चित रूप से योजना के अनुसार चीनी राष्ट्र का महान कायाकल्प महसूस करेंगे.

भारत के लिए क्यों खास है जिनफिंग का यह दौरा 
गौरतलब है कि न्यिंगची, तिब्बत में एक प्रांत स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जिस दावे को भारत ने हमेशा मजबूती से खारिज किया है. भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विवाद है. चीन के कई नेता समय-समय पर तिब्बत जाते हैं, लेकिन चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग (चीनी सेना का समग्र आलाकमान) के प्रमुख शी हाल के वर्षों में तिब्बत के सीमावर्ती शहर का दौरा करने वाले संभवतः पहले शीर्ष नेता हैं.

इसी इलाके में बुलेट ट्रेन शुरू कर चुका है चीन 
न्यिंगची, जून में तब चर्चा में आया था, जब चीन ने तिब्बत में अपनी पहली बुलेट ट्रेन का पूरी तरह से संचालन शुरू किया था. यह ट्रेन तिब्बत की प्रांतीय राजधानी ल्हासा को न्यिंगची से जोड़ती है. अभी शी के दौरे के दौरान ल्हासा के कई हिस्सों में सड़कें अवरुद्ध कर दी गईं, और ल्हासा शहर के अधिकारियों ने 21 जुलाई से 17 अगस्त तक ल्हासा में ड्रोन और पतंगों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. हालांकि शी की कहीं भी यात्रा के लिए भारी सुरक्षा की उम्मीद की जाती है. 

तिब्बत के लिए इस दौरे का क्या महत्व है 
इंटरनेशनल कैंपेन फॉर तिब्बत (आईसीटी) के मुताबिक, शी जब चीन के उपराष्ट्रपति थे तब उन्होंने पिछली बार 2011 में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का दौरा किया था, जो तिब्बत के लगभग आधे हिस्से में फैला है. आईसीटी ने कहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तिब्बत यात्रा इस बात का संकेत है कि चीनी नीतिगत विचारों में तिब्बत का कितना ऊंचा स्थान है, यह देखते हुए कि यह यात्रा तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के झूठे दावे की 70वीं वर्षगांठ से जुड़ी है. जब भीषण बाढ़ चीन के हेनान प्रांत को प्रभावित कर रही थी, उस दौरान शी तिब्बत में थे। हालांकि, जिस तरह से यात्रा का आयोजन किया गया और यात्रा के किसी भी तत्काल राज्य मीडिया कवरेज की पूर्ण अनुपस्थिति से संकेत मिलता है कि तिब्बत एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है और यह भी कि चीनी अधिकारियों को तिब्बती लोगों के बीच उनकी वैधता पर भरोसा नहीं है.

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