Dalai Lama: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के ताज़ा बयान से उनके और चीन के रिश्तों की खटास एक फिर नज़र आई. वहीं दलाई लामा ने भारत के प्रति अपना प्रेम व्यक्त किया. हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित अपने आवास पर उन्होंने भारत के साथ अपने लगाव को बयां किया. यूनाइटेड स्टेटस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (USIP) की तरफ़ से आयोजित एक प्रोग्राम में दलाई लामा ने कहा है कि वह भारत के खुले लोकतंत्र में आख़िरी सांस लेने पसंद करेंगे न कि आर्टिफिशियल चीनी अधिकारियों के बीच में. दलाई लामा ने नौजवानों को ख़िताब करते हुए अपने ख़्वाहिश का इज़हार किया.


'मैं भारत में आख़िरी सांस लेना पसंद करूंगा'


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इस दौरान दलाई लामा ने कहा, 'भारत के सच्चे और प्यार करने वाले लोगों, एक स्वतंत्र और खुले लोकतंत्र में मैं आख़िरी सांस लेना पसंद करूंगा'. उन्होंने आगे कहा कि मैंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा कि मैं 15-20 साल और जीवित रहूंगा. आख़िरी वक़्त में मैं भारत में रहना पसंद करता हूं. भारत प्यार दिखाने वाले लोगों से घिरा हुआ है. यहां बनावटी कुछ भी नहीं है. दलाई लामा ने कहा कि अगर में चीनी अफसरान के बीच में मरूंगा तो वो बहुत आर्टिफिशियल होगा. मैं भारत के स्वतंत्र लोकतंत्र में मरना पसंद करूंगा.


'मौत के समय दोस्तों को आस-पास रहना चाहिए'


वहीं एक फेसबुक के एक वीडियो में उन्होंने कहा, मौत के समय दोस्तों से घिरा होना चाहिए जिनमें वास्तव में आपके लिए सच्चे जज़्बात दिखते हों. दलाई लामा पूरी दुनिया में मशहूर हैं. अपनी प्रबुद्ध आध्यात्मिक शिक्षाओं और  विचारों के लिए जाने जाते हैं. दलाई लामा और चीन की हुकूमत के बीच रिश्ते कभी पनप नहीं पाए. चीन के अफसर अक्सर उन्हें एक विवादिस्पद व्यक्ति और अलगाववादी व्यक्ति के तौर पर भी देखते आए हैं. लेकिन दलाई लामा पर भारत का नज़रिया हमेशा वाज़ेह रहा है. भारत की जनता उनका दिल से एहतेराम करती है. दलाई लामा तीन साल से ज्यादा अर्से के बाद पिछले महीने नई दिल्ली आए थे.


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