सऊदी अरब में रहने वाली हामला नर्सों की हिंदुस्तान वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी
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सऊदी अरब में रहने वाली हामला नर्सों की हिंदुस्तान वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी

सऊदी अरब में 250 से ज्यादा नर्स और डॉक्टर इस हालात में परेशानी का सामना कर रही हैं और उन्हें डर है कि उनके गर्भ में पल रहे बच्चे के जीवन को खतरा हो सकता है.

सऊदी अरब में रहने वाली हामला नर्सों की हिंदुस्तान वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है. जिसको लेकर सऊदी अरब में रहने वाली हामला नर्सों और डॉक्टर्स को लेकर चिंता जताई है. कोर्ट में सऊदी अरब में काम कर रही नर्सेज़ और डॉक्टर्स को लेकर दाखिल की गई अर्जी में कहा गया है कि उनमें 250 से ज़्यादा ऐसी मेडिकल स्टाफ हैं जिनकी एडवांस स्टेज में प्रेग्नेंसी है उन्हें सऊदी अरब से वापस लाने का निर्देश दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्ज़ी में कहा गया है कि 250 से ज्यादा नर्स वहां परेशानी का सामना कर रही हैं. और उन्हें डर है कि उनके गर्भ में पल रहे बच्चे के जीवन को खतरा हो सकता है. उनकी खुद की जिंदगी भी खतरे में है. अर्ज़ी में कहा गया है कि ये तमाम नर्स और डॉक्टर मार्च और अप्रैल में हिंदुस्तान वापस आने का प्लान कर रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से तमाम फ्लाइट रद्द हो गई और सभी लोग सऊदी अरब में फंस गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्ज़ी में कहा गया है कि वहां रह रहीं नर्स की प्रेग्नेंसी एडवांस स्टेज में है और उनकी देखभाल के लिए उनके परिजन भी वहां नहीं हैं और इस संजीदा वक्त में वहां के हॉस्पिटल में सिर्फ कोरोना मुतास्सिर मरीजों का इलाज चल रहा है. नर्सेज़ और डाक्टर्स की मईशत हालात ऐसी नहीं है कि वह निजी हॉस्पिटल का खर्चा उठा सकें.

याचिकाकर्ता ने एक उदारण देते हुए कहा है कि हाल ही में पांच साल की एक बच्ची को एम्स में इलाज के लिए कुवैत से एयरलिफ्ट किया गया. ऐसे में उनके मामले में भी कोर्ट को दखल देना चाहिए और हुकूमत को उन्हें हिंदुस्तान वापस लाने का इंतेजाम करने के निर्देश देने चाहिए. साथ ही कहा गया है कि हुकूमत की अनुच्छेद-21 के तहत ड्यूटी है कि वह नर्स व डॉक्टर और उनके होने वाले बच्चों की ज़िंदगी की हिफ़ाज़त करे.

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