कंटेंट का मुआवजा नहीं देने पर फ्रांसीसी एंटी-ट्रस्ट वॉचडॉग ने गूगल पर 50 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया
फ्रांस में यूरोपीय संघ के प्रकाशकों के कंटेंट को गूगल सर्च और समाचार जैसी सेवाओं पर तब तक डिसप्ले नहीं करने का फैसला लिया, जब तक कि प्रकाशक उन्हें ऐसा निशुल्क करने के लिए सहमत नहीं हो जाते है.
सैन फ्रांसिस्कोः फ्रांस के प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण ने इंफाॅर्मेशन तकनीक शोबे की दिग्गज कंपनी और सर्च इंजन गूगल पर कंटेंट के इस्तेमाल को लेकर समाचार संगठनों के साथ दोस्ताना बातचीत करने में नाकाम रहने की वजह से 50 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया है. प्राधिकरण ने गूगल पर ऐसा करने के हुक्म को संजीदगी से नहीं लेने का इल्जाम लगाया है. टेक दिग्गज ने कहा कि यह फैसला एक समझौते पर पहुंचने के हमारी कोशिशों की अनदेखी करता है.
गूगल पर समाचार संगठनों से करार का हुक्म
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जुर्माना टेक फर्मो और समाचार संगठनों के बीच वैश्विक कॉपीराइट लड़ाई में नवीनतम झड़प है. गुजश्ता साल, फ्रांसीसी प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण ने हुक्म दिया था कि गूगल को खोज नतीजों, खबरों और दीगर सर्विस में लेखों के कोटेशन दिखाने के लिए समाचार संगठनों के साथ सौदेबाजी करनी चाहिए. गूगल पर जुर्माना इसलिए लगाया गया, क्योंकि प्राधिकरण की नजर में, वह ऐसा करने में नाकाम रहा है.
मीडिया हाउस के कंटेंट इस्तेमाल पर मुआवा दे गूगल
फ्रांस 2019 में, एक नए डिजिटल कॉपीराइट निर्देश को कानून में बदलने वाला यूरोपीय संघ का पहला मुल्क बन गया. कानून नामनिहाद पड़ोसी अधिकारों को नियंत्रित करता है जो प्रकाशकों और समाचार एजेंसियों को उनके कंटेंट के इस्तेमाल के लिए मुआवजा करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. फ्रांस में यूरोपीय संघ के प्रकाशकों के कंटेंट को सर्च और समाचार जैसी सेवाओं पर तब तक डिसप्ले नहीं करने का फैसला लिया, जब तक कि प्रकाशक उन्हें ऐसा निशुल्क करने के लिए सहमत नहीं हो जाते है.
दो माह का दिया है वक्त
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने फ्रांसीसी अफसरान के हवाले से बताया कि समाचार प्रकाशकों को मुआवजा देने के लिए नए विचारों के साथ आने के लिए गूगल के पास दो महीने हैं या प्रतिदिन 900,000 यूरो तक के इजाफी जुर्माना का जोखिम है. समाचार सामग्री के इस्तेमाल को लेकर समाचार प्रकाशकों और इंटरनेट प्लेटफार्मो के बीच लड़ाई में फ्रांसीसी फैसला नया फ्लैशप्वाइंट है.
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