Sri Lanka economic crisis: देश में जारी भारी आर्थिक संकट के बीच ही शुक्रवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने नौ नए कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई.
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कोलंबोः खराब आर्थिक संकट से जूझ रहे और ईंधन की भारी कमी के कारण श्रीलंका में शुक्रवार को स्कूल बंद कर दिए गए हैं और सरकारी अधिकारियों से काम पर नहीं आने की अपील की गई है. लोक प्रशासन मंत्रालय ने जरूरी सेवाओं को बनाए रखने वालों को छोड़कर, बाकी सरकारी अफसरान से मुल्कभर में मौजूदा ईंधन की कमी के मद्देनजर शुक्रवार को काम पर नहीं आने के लिए कहा. राज्य और सरकार द्वारा अनुमोदित निजी स्कूल भी ईंधन की बढ़ती कमी के बीच शुक्रवार को बंद कर दिए गए. हज़ारों लोग देश भर में ईंधन केंद्रों पर कतारों में इंतजार कर रहे थे. वहीं, शुक्रवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने नौ नए कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई.
देश दिवालिया होने की कगार पर
गौरतलब है कि श्रीलंका में पेट्रोल लगभग खत्म हो गया है और अन्य ईंधन की भी भारी कमी होने लगी है. सरकार हाल के महीनों में ईंधन, गैस और दीगर जरूरी वस्तुओं के आयात का भुगतान करने के लिए धन जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है, क्योंकि द्वीपीय राष्ट्र दिवालिया होने के कगार पर है. देश में उभरे आर्थिक संकट ने एक राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है. सरकार को व्यापक विरोध और अशांति का सामना करना पड़ रहा है.
चार घंटे तक बिजली कटौती की घोषणा
महीनों से श्रीलंका के निवासियों ने उन जरूरी वस्तुओं को खरीदने के लिए लंबी लाइनों का सामना किया है, जिनमें से अधिकांश सामान विदेशों से आता है. मुद्रा की कमी ने कच्चे माल के आयात में बाधा डाली है और मुद्रास्फीति खराब स्तर पर पहुंच गई है. इसके अलावा अधिकारियों ने देश भर में दिन में चार घंटे तक बिजली कटौती की घोषणा की है क्योंकि वह बिजली उत्पादन केंद्रों को पर्याप्त ईंधन की आपूर्ति नहीं कर सकते हैं.
राष्ट्रपति राजपक्षे ने नौ नए कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाया
श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे द्वारा नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को नियुक्त किए जाने के एक सप्ताह से ज्यादा वक्त के बाद मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. राष्ट्रपति ने पांच बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रहे विक्रमसिंघे को एक बार फिर यह पद सौंपा है. नए मंत्रियों में मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेग्या (एसजेबी) के दो मंत्री शामिल हैं, जबकि बाकी राजपक्षे की पार्टी श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) और उस समूह से जुड़े हुए हैं, जिसने सत्तारूढ़ गठबंधन से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले, राष्ट्रपति राजपक्षे ने पिछले सप्ताह चार मंत्रियों को नियुक्त किया था. हालांकि, अब तक किसी भी वित्त मंत्री की नियुक्ति नहीं की गई है, जो इस समय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ चल रही बातचीत के मद्देनजर अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
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