जनरल क़ासिम सुलेमानी इलाक़ाई सलामती के लिए ख़तरा नहीं थे: रूहानी
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जनरल क़ासिम सुलेमानी इलाक़ाई सलामती के लिए ख़तरा नहीं थे: रूहानी

तेहरान में एक तक़रीब से ख़िताब करते हुए रूहानी ने कहा कि सुलेमानी मश्रिक-ए-वुस्ता की सलामती को यक़ीनी बनाने और इस्तेहकाम के लिए कोशां रहते थे. ईरानी सद्र ने अमेरिका से मुतालबा किया कि तेहरान के खिलाफ़ अपना जारेहाना रवैया तर्क करते हुए उस पर आयद इक्तेसादी पाबंदी हटाई जाए.

फाइल फोटो...

नई दिल्ली: ईरान के सद्र हसन रूहानी ने अमेरिका और मग़रिब के इन इल्ज़ामात की तरदीद की है कि अल कुद्स के मरहूम सरबराह क़ासिम सुलेमानी इलाक़ाई सलामती के लिए खतरा थे. तेहरान में एक तक़रीब से ख़िताब करते हुए रूहानी ने कहा कि सुलेमानी मश्रिक-ए-वुस्ता की सलामती को यक़ीनी बनाने और इस्तेहकाम के लिए कोशां रहते थे. ईरानी सद्र ने अमेरिका से मुतालबा किया कि तेहरान के खिलाफ़ अपना जारेहाना रवैया तर्क करते हुए उस पर आयद इक्तेसादी पाबंदी हटाई जाए. उन्होने कहा कि ईरान खित्ते में जंग नहीं चाहता. वाज़ह हो कि सुलेमानी की हलाकत के बाद ट्रम्प इन्तेज़ामिया ने इल्ज़ाम आयद किया था कि अल कुद्स सरबराह. अमेरिकी मफ़ादात और इराक़ में तैनात अमेरिकी फौजियों पर हमले की साज़िश कर रहे थे. इस मौके पर ईरानी सद्र से ख़ित्ते के तमाम मोमालिक के साथ बेहतर ताल्लुकात क़ायम करने की बात कही.

अल कुद्स सरबराह जनरल क़ासिल सुलेमानी को जाबंहक हुए आज चालीस दिन हो चुके हैं. अरबईन की मुद्दत यानी मौत के बाद चालीस दिनों का सोग आज ख़त्म हो रहा है. इस मौके पर महज़बी मक़ाम कुम में हज़ारों अफ़राद ने क़ासिम सुलेमानी को खिराज-ए-अकीदत पेश किया. लोगों ने जनरल क़ासिम सुलेमानी को सज्जा मुहिब्बे वतन बताते हुए हुकूमत पर अमेरिका के ख़िलाफ़ इन्तेक़ामी कार्रवाई का मुतालबा किया. वाज़ह हो कि गुज़िश्ता माह तीन जनवरी को बग़दाद एयरपोर्ट पर अमेरिकी हमले में सुलेमानी और अबु-महदी-अल-मुहन्दिस हलाक हुए थे. सुलेमानी की हलाकत के बाद ईरान ने ऐन-अल-असद वाके अमेरिकी फौजी ठिकाने पर हमला किया था. इन हमलों के बाद अमेरिका और ईरान के दरमियान शदीद कशीदगी के सबब जंग का ख़तरा पैदा हो गया था.

ईरान में शाही निज़ाम का ख़ात्मा हुए इक्तालिस साल हो चुके हैं. ग्यारह फरवरी 1979 को मज़हबी रहनुमाओं और तलबा की तहरीक के बाद ईरान में सालों से जारी पहलवी शाही खानदान के इक्तेदार का खात्मा हुआ था. इन्केलाब-ए-ईरान की 41वीं सालगिरह के मौके पर तेहरान में मुनाअकिद तक़रीब में लाखों अफराद शामिल हुए. दारुल-हुकूमत की हर सड़क पर एक जम्मे ग़फीर उमड़ा पड़ा हुआ था. क़ासिम सुलेमानी की हलाकत के बाद अमेरिका के ख़िलाफ़ जो अवामी नाराज़गी है.

तक़रीब के दौरान इसका भरपूर मुज़ाहिरा हुआ. तक़रीब में शामिल बहुत से लोगों ने मरहूम आयतुल्लाह खुमैनी के अलावा क़ासिम सुलेमानी की भी फोटो उठा रखी थी. तक़रीब में बड़ी तादाद में ख्वातीन भी शामिल हुईं. आज़ादी टावर पर मुनाक़िद तक़रीब से सद्र हसन रूहानी ने भी खिताब किया. इस मौके पर उन्होने जनरल क़ासिम ने अमेरिका को बावर कराया कि उसकी जारिहाना अज़ायम से ईरान कमज़ोर नहीं होगी. उन्होने कहा कि अमेरिका की तमाम कोशिशों के बावजूद इस्लामिक जम्हूरिया ईरान आज भी क़ायम हैं. सुलेमानी के हवाले से अमेरिकी प्रोपगेंडे का जवाब देते हुए रूहानी ने कहा कि ट्रम्प इन्तेज़ामिया इस हवाले से लगातार झूठ बोल रहा है

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