भारत ने नहीं किया रूस के खिलाफ वोट तो अमेरिकी सांसद ने नई दिल्ली को लेकर कह डाली बड़ी बात
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भारत ने नहीं किया रूस के खिलाफ वोट तो अमेरिकी सांसद ने नई दिल्ली को लेकर कह डाली बड़ी बात

India Russia भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) रूसी हमले के खिलाफ यूएनएससी में पेश प्रस्ताव पर वोट से शुक्रवार को दूर रहे, जबकि रूस ने इसके खिलाफ वीटो पॉवर का इस्तेमाल किया.

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नई दिल्ली: पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव पर भारत का वोट ना करना अमेरिकी सासंद को अखर रहा है. अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के सांसद जॉन कोर्निन ने यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर यूएनएससी में पेश प्रस्ताव पर वोट में भारत के हिस्सा न लेने पर मायूसी का इज़हार किया है. कोर्निन ने कहा कि नई दिल्ली मॉस्को की खुले तौर पर निंदा करने से बच रही है और रूस के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को ठीक से बनाए रखने की कोशिश कर रही है.

भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) रूसी हमले के खिलाफ यूएनएससी में पेश प्रस्ताव पर वोट से शुक्रवार को दूर रहे, जबकि रूस ने इसके खिलाफ वीटो पॉवर का इस्तेमाल किया. इस प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में एक वोट पड़ा. अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस सिक्योरिटी काउंसिल के स्थायी सदस्य हैं और उनके पास वीटो पॉवर है. भारत इसका स्थायी सदस्य नहीं है और उसका दो साल का मौजूदा कार्यकाल इस साल खत्म हो रहा है. 

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कोर्निन ने शनिवार को ट्वीट किया, “निराशाजनक: यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर भारत उसकी खुले तौर पर निंदा करने से बच रहा है, क्योंकि नयी दिल्ली मॉस्को के साथ रणनीतिक साझेदारी और लोकतांत्रिक देशों के उभरते गठबंधन में अपने किरदार को ठीक से बनाए रखने की कोशिश कर रही है.” बता दें कि रिपब्लिकन पार्टी के अहम नेताओं में शामिल कोर्निन ‘सीनेट इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष हैं, ऐसे में उनका यह बयान बहुत अहम है.

वह पिछली कुछ दहाइयों में भारत और अमेरिका के बीच दोस्ताना संबंधों के मजबूत हिमायती के तौर पर सामने आए हैं. इससे पहले, प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने सुरक्षा परिषद में पेश प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा न लेने के भारत के फैसले पर नाखुशी जताई थी. उन्होंने कहा था कि चीन की मौजूदा विस्तारवादी योजनाओं के खिलाफ नयी दिल्ली के साथ अमेरिका खड़ा रहेगा, न कि रूस.

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