Iran firing: ईरान में एक बार फिर से हालात खराब होते दिखाई दे रहे हैं. ईरान सरकार पिछले एक लंबे अरसे से हिजाब को लेकर विरोध झेल रही है. हाल ही में खबर आई है कि सिक्योरिटी फोर्सेज़ ने तेहरान के एक मेट्रो स्टेशन पर प्रोटेस्टर्स पर गोलियां चलाईं और लाठी-डंडों से पिटाई कर दी. फायरिंग के बाद स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे पर चढ़कर भागने लगे. बताया जा रहा है कि मेट्रो स्टेशन पर लोगों की भीड़ 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत का विरोध कर रहे थे.


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इससे पहले ईरान के शहर ईज़ेह में कुछ बंदूकधारियों ने बुधवार को एक बाजार में गोलीबारी की, जिसमें दो महिलाओं समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग जख्मी हो गए थे. ईरान के इस्फ़हान शहर में भी गोलीबारी की वारदात सामने आई. दोनों हमलों में बंदूकधारी कथित तौर पर मोटरसाइकिल पर सवार थे. सरकारी टेलीविजन के मुताबिक हमलों के पीछे का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है. इनका नाता ईरान में पुलिस हिरासत में एक युवती की मौत को लेकर पिछले दो महीने से जारी प्रदर्शनों से होने के भी कोई सबूत नहीं मिले हैं.



ईज़ेह में हुए हमले में सिक्योरिटी फोर्सेज़ समेत 10 लोगों के जख्मी होने की खबर है. खुज़ेस्तान राज्य के डिप्टी गवर्नर वलीओल्लाह हयाती ने सरकारी टेलीविजन को बताया कि ईज़ेह में मारे गए लोगों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों के कई ग्रुप बुधवार देर रात ईज़ेह के अलग-अलग हिस्सों में इकट्ठे हुए, सरकार विरोधी नारे लगाए और पुलिस पर पथराव किया. पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान किसी ने शिया समुदाय के मदरसे में आग लगा दी.


गौरतलब है कि ईरान में पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महिला मेहसा अमीनी की मौत के खिलाफ लोग सितंबर से सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. ईरान में नैतिकता के नाम पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अमीनी को पकड़ा था और 16 सितंबर को हिरासत में ही उसकी मौत हो गई थी. ईरान की सरकार ने लगातार यह दावा किया है कि अमीनी के साथ कोई बुरा बर्ताव नहीं किया गया, जबकि अमीनी के परिवार का कहना है कि उसके शरीर पर चोट व पिटाई के निशान थे. अमीनी को हिजाब सही तरीके से न पहनने के आरोप में हिरासत में लिया गया था.


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