ईरान की अर्द्धसरकारी समाचार एजेंसी ने सबसे पहले इसे साइबर हमला करार दिया था. सरकारी टीवी ने कहा कि तेल मंत्रालय के अधिकारी ‘‘तकनीकी समस्या का समाधान निकालने के लिए आपात बैठक कर रहे हैं.’’
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दुबईः पूरे ईरान के ईंधन बिक्री केंद्र (पेट्रोल पंप) पर मंगलवार को उस वक्त काम ठप हो गया, जब ईंधन सब्सिडी की प्रणाली को कंट्रोल करने वाले सॉफ्टवेयर में खराबी आ गई और बिक्री रोकनी पड़ी. इसकी वजह से वाहन चालकों में नाराजगी देखी गई, जो बंद पड़े ईंधन बिक्री केंद्रों के सामने कतारों में खड़े थे. हालांकि, इस साइबर हमले की अबतक किसी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है. इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई को सीधी चुनौती दी गई थी. इस घटना से गैस की बिक्री रोक दी गई है. इससे दुनिया ईरान से ईंधन के आयातक मुल्कों पर तेल और गैर की कीमतों में भारी इजाफा हो सकता है. ईरान की अर्द्धसरकारी समाचार एजेंसी ने सबसे पहले इसे साइबर हमला करार दिया था. सरकारी टीवी ने कहा कि तेल मंत्रालय के अधिकारी ‘‘तकनीकी समस्या का समाधान निकालने के लिए आपात बैठक कर रहे हैं.’’
साइबर हमला 64411’ का संदेश मिल रहा है
अर्द्ध सरकारी समाचार एजेंसी आईएसएनए ने कहा कि उसने देखा कि जो लोग सरकार द्वारा जारी कार्ड से ईंधन खरीदने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें ‘साइबर हमला 64411’ का संदेश मिल रहा है. आईएसएनए ने यह नहीं बताया कि संदेश में दिख रहा नंबर किससे जुड़ा है. हालांकि, यह नंबर ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई के कार्यालय के हॉटलाइन से संबंधित है, जिसके जरिये वह इस्लामिक कानूनों के सवालों का जवाब देते हैं. बाद में आईएसएनए ने इस खबर को हटा दिया और कहा कि उसकी प्रणाली को भी हैक किया गया था.
‘‘खामनेई, हमारा गैस कहां है’’
विदेश से संचालित फारसी भाषा के सैटेलाइट चैनल ने वीडियो प्रकाशित किया, जिसे कथित तौर पर ईरान के अहम शहर इस्फहान के चालक ने रिकॉर्ड किया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर लिखा है, ‘‘खामनेई, हमारा गैस कहां है?’’. एक अन्य व्यक्ति कहता सुनाई दे रहा है ‘‘जमरान गैस स्टेशन पर मुफ्त गैस.’’वह दिवंगत सर्वोच्च नेता आयतुल्ला रुहल्ला खामनेई के घर का संदर्भ दे रहा था. इस घटना में दिख रही ‘‘64411’’संख्या जुलाई में ईरान की रेल रोड प्रणाली पर हुए हमले को प्रतिबिंबित करती है.
हमलावार ने खुद को बताया "इंद्र’’
बाद में इजराइली साइबर सुरक्षा कंपनी चेक प्वाइंट ने बताया था कि ईरान की रेल प्रणाली पर हैकरों के एक समूह ने हमला किया था, जो स्वयं को हिंदू देवता के नाम पर ‘इंद्र’ कहते हैं. इससे पहले ‘इंद्र’ नाम के इस समूह ने सीरिया की कंपनियों को भी निशाना बनाया था, जहां ईरान के हस्तक्षेप से राष्ट्रपति पद पर बशर असद बने हुए हैं. यह हमला दिवंगत शाह मोहम्मद रजा पहलवी की जयंती के मौके पर किया गया है, जिनकी कैंसर से मौत हुई थी और वर्ष 1979 में इस्लामिक क्रांति से पहले वह देश छोड़कर चले गए थे.
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