तालिबान सरकार पर मोदी ने तोड़ी चुप्पी; कहा- सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं, सोच-समझकर दी जाए मान्यता
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तालिबान सरकार पर मोदी ने तोड़ी चुप्पी; कहा- सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं, सोच-समझकर दी जाए मान्यता

शंघाई सहयोग संगठन और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के 21वें शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जारी की गई एक संयुक्त घोषणा में एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं ने सभी तरह के आतंकवाद की भी कड़ी निंदा की.

 

 

शंघाई सहयोग संगठन की ऑनलाइन बैठक को संबोधित करते प्रधान मंत्री मोदी व अन्य वैश्विक नेता .

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन ‘‘समावेशी’’ नहीं हुआ है, लिहाजा नई व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं और इस परिस्थिति में उसे मान्यता देने के बारे में वैश्विक समुदाय को ‘‘सामूहिक’’ और ‘‘सोच-विचार’’ कर फैसला करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने साथ ही यह चेताया कि अगर अफगानिस्तान में ‘‘अस्थिरता और कट्टरवाद’’ बना रहेगा तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और अतिवादी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा.एससीओ के सदस्य देशों में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं.

अफगानिस्तान का सर्वाधिक प्रभाव भारत जैसे उसके पड़ोसी देशों पर होगा
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के 21वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए अपने डिजिटल संबोधन में कहा कि वहां की भूमि का इस्तेमाल किसी भी देश में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रम का सर्वाधिक प्रभाव भारत जैसे उसके पड़ोसी देशों पर होगा और साथ ही उन्होंने सीमापार आतंकवाद और आतंकवाद के वित्त पोषण पर लगाम कसने के लिए कायदे कानून बनाने की वकालत की.

आतंकवाद, युद्ध, मादक पदार्थों से मुक्त स्वतंत्र, लोकतांत्रिक देश हो अफगानिस्तानः एससीओ
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं ने कहा कि अफगानिस्तान को आतंकवाद, युद्ध और मादक पदार्थों से मुक्त स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण देश बनना चाहिए और युद्धग्रस्त देश में एक ‘‘समावेशी’’ सरकार का होना महत्वपूर्ण है जिसमें सभी जातीय, धार्मिक और राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि शामिल हों. यहां संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जारी की गई एक संयुक्त घोषणा में एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं ने सभी तरह के आतंकवाद की भी कड़ी निंदा की.

तालिबान सरकार समावेशी नहीं, लेकिन उसके साथ काम करना जरूरीः  पुतिन 
वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा बनाई गई सरकार प्रतिनिधित्व आधारित और समावेशी नहीं है, लेकिन इसके साथ काम करना जरूरी है. पुतिन ने वीडियो लिंक के माध्यम से सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वास्तव में देश का एकमात्र स्वामी बन गए तालिबान ने अपनी सरकार बनाई है, जो अफगानिस्तान के भविष्य के लिए जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, “यह एक अंतरिम सरकार है, जैसा कि तालिबान खुद कहता है, और इसे वास्तव में प्रतिनिधित्व आधारित या समावेशी नहीं कहा जा सकता है”. उन्होंने कहा कि इसमें अन्य कबायली समूहों के सदस्य भी शामिल नहीं हैं. पुतिन ने कहा, “हालांकि, ऐसा लगता है कि इसके साथ भी काम करना जरूरी है.

एससीओ देश समावेशी राजनीतिक ढांचे के लिए अफगानिस्तान को प्रेरित करेंः शी 
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों को समन्वय बढ़ाना चाहिए और उदार नीतियां बनाने के लिए एक समावेशी राजनीतिक ढांचा तैयार करने को लेकर अफगानिस्तान को प्रेरित करना चाहिए. साथ ही, काबुल पर तालिबान के कब्जा करने के बाद आतंकवाद के सभी स्वरूपों से दृढ़ता से लड़ना चाहिए. 

विदेशी सैनिकों की वापसी, तालिबान के नियंत्रण के बाद अफगानिस्तान में नई हकीकतः इमरान खान 
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि काबुल में सत्ता पर तालिबान के कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान में एक ‘नई हकीकत’ स्थापित हुई है और अब यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक हित में है कि कोई नया संघर्ष नहीं हो और वह आतंकवादियों के लिए फिर कभी सुरक्षित पनाहगाह नहीं बने. ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में 20 वीं शंघाई सहयोग संगठन राष्ट्राध्यक्ष परिषद (एससीओ-एसीएचएस) को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि विश्व के लिए यह राहत की बात होनी चाहिए कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद और वहां से विदेशी सैनिकों की पूर्ण वापसी ‘रक्तपात एवं गृहयुद्ध के बगैर तथा शरणार्थियों के बड़े पैमाने पर पलायन के बगैर’ हुई. खान ने कहा कि एक शांतिपूर्ण एवं स्थिर अफगानिस्तान से पाकिस्तान का हित जुड़ा हुआ है.
 

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