पड़ोसी मुल्क म्यांमार में शनिवार को 'ऑर्म्ड फ़ोर्सेज़ डे' के मौके पर सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच ज़बर्दस्त झड़पें हुई हैं जिसके नतीजे में 100 से ज़्यादा प्रदर्शनकारी मारे गए हैं, इन मारे गए लोगों में बच्चे भी शामिल हैं.
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म्यांमार: लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे म्यांमार (Myanmar) में शनिवार का दिन सबसे ख़ूनी हिंसा का दिन रहा. 'ऑर्म्ड फ़ोर्सेज़ डे' (Myanmar Armed Forces Day) के मौके पर म्यांमार सेना (Myanmar forces) की हिंसक कार्रवाई में कम से कम अब तक 114 लोग मारे जा चुके हैं. सेना की तरफ से यह कार्रवाई मुल्क के कई इलाकों में की गई. देश के करीब 40 कस्बों और शहरों में सेना की तरफ से ज़बर्दस्त कार्रवाई की गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार में मेइखतिला के आवासीय इलाके में गोलीबारी की गई. बताया जा रहा है कि सेना की इस हिंसा में करीब 20 नाबालिग बच्चे भी मारे गए हैं.
ग़ौरतलब है कि सेना की तरफ़ से 1 फरवरी को आन सान सूची की निर्वाचित सरकार का तख़्तापलट कर दिया गया था, जिसके बाद से मुल्क भर में अवाम लोकतंत्र की बह़ाली के लिए संघर्ष कर रही है. इस बीच सेना और अवाम के बीच की कई झड़पें हो चुकी हैं, लेकिन शनिवार को सबसे ज़्यादा सख्त झड़प हुई, जिसमें अब तक 114 लोगों के मारे जाने की खबर आ जुकी है.
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इन देशों नें की निंदा
अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपियन संघ के अधिकारियों ने म्यांमार में शनिवार को हुई हिंसा की सख्त निंदा की है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने ट्वीट कर कहा है, ''म्यांमार के सुरक्षाबलों के ज़रिए किए गए ख़ून-ख़राबे से हैरत में हैं. ऐसा लगता है कि मिलिट्री जुनटा कुछ लोगों की सेवा करने के लिए आम लोगों की ज़िंदगी क़ुर्बान कर देगी. मैं पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं भेजता हूं. बर्मा की बहादुर जनता ने सेना के आंतक के युग को नकार दिया है."
एसोसिएशन ऑफ पॉलिटिकल पार्टनर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार में तख़्तापलट (Myanmar coup) के पलट के बाद से सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में अब तक 328 लोगों की मौत हु चुकी हैं. अब ऐसा माना जा रहा है कि शनिवार को हुई हिंसा के बाद अवाम की तरफ से विरोध में मज़ीद इज़ाफा होगा.
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