Women's World Championship: तेलंगाना की मुक्केबाज निकहत जरीन ने थाईलैंड जिटपोंग जुटामस को 5-0 से शिकस्त देकर ये खिताब अपने नाम किया.
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नई दिल्लीः हिन्दुस्तानी मुक्केबाज निकहत जरीन (Nikhat Zareen) गुरुवार को इस्तांबुल में महिला विश्व चैंपियनशिप (Women's World Championship) के फ्लाइवेट (52 किग्रा) वर्ग के एकतरफा फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस (Jitpong Jutamas) को 5-0 से शिकस्त देकर विश्व चैंपियन बन गई हैं. तेलंगाना की मुक्केबाज जरीन ने थाईलैंड की हरीफ को सर्वसम्मत फैसले से मात दी है. इस जीत के साथ जरीन विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बन गई हैं. जीत का ऐलान होने के बाद जरीन खुशी में कूदने लगी और अपने आंसू नहीं रोक पाई. जुटामस के खिलाफ यह जरीन की दूसरी जीत है. ज़रीन ने इससे पहले थाईलैंड की मुक्केबाज को 2019 में थाईलैंड ओपन में भी मात दी थी.जरीन के इस कामयाबी पर गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें मुबारकबाद दी है.
छह बार की चैंपियन एमसी मैरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेखा केसी इससे पहले विश्व खिताब जीत चुकी हैं. भारत का चार साल में इस प्रतियोगिता में यह पहला स्वर्ण पदक है. पिछला स्वर्ण पदक मैरीकोम ने 2018 में जीता था.
Congratulations to @nikhat_zareen for winning the Gold medal at the Women's World Boxing Championships.
India is proud of your achievement. Best wishes for your future endeavours. https://t.co/nDL69tZvcK
— Amit Shah (@AmitShah) May 19, 2022
मनीषा मोन और परवीन हुड्डा ने जीता कांस्य
जरीन के स्वर्ण पदक के अलावा मनीषा मोन (57 किग्रा) और पदार्पण कर रही परवीन हुड्डा (63 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते. टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया था. भारत के पदक की संख्या में पिछले टूर्नामेंट की तुलना में एक पदक की गिरावट आई लेकिन चार साल बाद कोई भारतीय मुक्केबाज विश्व चैंपियन बनीं. मैरीकोम ने 2018 में भारत के लिए पिछला स्वर्ण पदक जीता था. इस चैंपियनशिप में अब भारत के नाम 39 मैडल हो गए हैं जिसमें 10 गोल्ड , आठ सिल्वर और 21 कांस्य पदक शामिल हैं.
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