Pakistan Economic Crisis: देश बचाने के लिए IMF की एक और शर्त के आगे नतमस्तक हुआ पाकिस्तान
PAKISTAN: पाकिस्तान ने IMF की एक और शर्त कुबूल कर ली है. इसके अलावा वित्त मंत्री ने भी एक प्रेस नोट जारी कर यह बताया है कि किसी की भी सैलरी नहीं रोकी गई है.
Pakistan IMF: कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने आईएमएफ की और शर्त मान ली है. पाकिस्तान ने आईएमएफ की पूर्व शर्त को कुबूल करते हुए ब्याज दर बढ़ाने का मांग मान ली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नए फैसले के साथ, पाकिस्तान ने महत्वपूर्ण फंडिंग में 1.1 बिलियन अमरीकी डालर जारी करने के लिए आईएमएफ की एक और पूर्व शर्त को स्वीकार कर लिया है. आईएमएफ की यह शर्त 6.5 बिलियन अमरीकी डॉलर के बेलआउट पैकेज का एक हिस्सा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने ब्याज दर में इज़ाफा का ऐलान कर दिया है.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि पाकिस्तान के अफसरों के फैसले से ब्याज दर 19 फीसद हो जाएगी, जो अक्टूबर 1996 में निर्धारित 19.5 फीसद के पिछले रिकॉर्ड से जरा सा नीचे है. इसके अलावा सूत्रों से यह भी पता चला है कि पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के अफसरों के बीच बिजली क्षेत्र के कुछ मुद्दों पर बातचीत अंतिम चरण में है.
इस महीने की शुरुआत में, पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ कर्मचारियों ने कर्मचारी स्तर के समझौते के बिना 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज की नौवीं समीक्षा पूरी की. पाकिस्तानी सरकार को उम्मीद थी कि वे शर्तों को धीरे-धीरे लागू करने के बारे में आईएमएफ को समझाने में कामयाब होंगे. हालांकि, आईएमएफ मिशन की पाकिस्तान की 10 दिवसीय यात्रा के दौरान इस्लामाबाद की उम्मीदें धराशायी हो गईं.
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जियो न्यूज के मुताबिक कि देश में एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने विदेश मंत्रालय को खर्च में कटौती उपायों के तहत विदेशी मिशनों की संख्या में कटौती करने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 22 फरवरी को फैसले का ऐलान किया. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज ने विदेश मंत्रालय को विदेशों में कई विदेशी मिशनों को कम करने और उनके कार्यालयों, कर्मचारियों और खर्च में 15 फीसद की कटौती के अन्य उपायों को कम करने के निर्देश जारी किए हैं.
इसके अलावा पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार ने उन सभी खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें पाकिस्तानी मंत्रियों की सैलरी रोके जाने का दावा किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि सरकार ने सैलरी, पेंशन वगैरह की अदायगी बंद करने का निर्देश दिया है. यह पूरी तरह से गलत है ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सैलरी और पेंशन को पहले ही प्रोसेस किया जा चुका है और उसका समय पर भुगतान किया जाएगा.
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