Russia Ukraine War:यूक्रेन ने रूस से फौरी जंगबंदी के साथ-साथ यूक्रेन और दोनेस्क और लुहांस्क से अपनी फौज हटाने का मुतालबा किया. रूसी वार्ताकारों ने यूक्रेन से गैरजानिबदार रहने और नाटो में शामिल न होने की यकीनदहानी के साथ साथ दोनेस्क और लुहांस्क को एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देने की मांग की है.
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नई दिल्लीः यूक्रेन और रूस के आला सतही प्रतिनिधिमंडल के बीच सोमवार की देर शाम बातचीत खत्म हो गई. तकरीबन तीन घंटे तक चली मीटिंग के दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावों और बातों को मजबूती से रखा.अब भी उम्मीद की किरणें नजर आ रही हैं. सोमवार को युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन और रूस के अधिकारी पहली बार आमने-सामने वार्ता की मेज पर बैठे. वार्ता की विशाल मेज पर एक तरफ यूक्रेन का झंडा और दूसरी ओर रूस का झंडा था.जहां यूक्रेन ने रूस से फौरी जंगबंदी के साथ-साथ यूक्रेन और दोनेस्क और लुहांस्क से अपनी फौज हटाने का मुतालबा किया. वहीं रूसी वार्ताकारों ने यूक्रेन से गैरजानिबदार रहने और नाटो में शामिल न होने की यकीनदहानी के साथ साथ दोनेस्क और लुहांस्क को एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देने की मांग की है.
बैठक में दोनों देशों के ये पदाधिकारी हुए शामिल
आला सतही मीटिंग में यूक्रेन के वजीर ए दिफा ओलेक्जी रेज्निकोफ और सद्र जेलेंस्की के मुशीर मिखाइल पोदोल्याक के अलावा दोनों मुल्कों की कई नामी गिरामी शख्सियत शामिल हुए थे. ये मीटिंग यूक्रेन - बेलारूस सरहद पर वाके प्रिपयात शहर में आयोजित की गई थी. मीटिंग से पहले बेलारूस के वजीर ए खारजा व्लादमीर माकेई ने दोनों पक्षों के साथ नेक ख्वाहिशात का इजहार किया.
बातचीत की तफ्सील अभी जारी नहीं हुई
गुजिश्ता जुमेरात को हमले के बाद ये पहला मौका था जब कीव और मास्को के किसी आला सतही प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता हुई. ऑफिशियल तौर पर बातचीत की तफ्सील अभी जारी नहीं की गई है जबकि पूरी दुनिया की निगाहें इस वक्त इसके बैठक के नतीजे पर टिकी हुई है. इस बैठक पर ही मौजूदा संकट के खत्म होने या जारी रहने का दारोमदार है. शायद यही वजह है कि यूक्रेनी सद्र ने आइंदा चैबीस घंटे को जंग के लिए बेहद अहम करार दिया था. आला सतही मीटिंग से कब्ल रूसी मुजाकरातकार व्लादिमीर मेदेंस्कि ने कहा कि मास्को. एक ऐसे मुआहदे का ख्वाहिशमंद हैं जो दोनों मुल्क की अवाम के मफाद में हो और जिससे दोनों पक्ष मुतमईन हों. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस वार्ता से या युद्ध से क्या चाह रहे हैं? पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना है पुतिन यूक्रेन की सरकार को उखाड़ फेंकना और उसकी जगह अपनी पसंद का शासन एवं मास्को का शीतयुद्ध कालीन प्रभाव बहाल करना चाहते हैं.
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