इसके अलावा पिछले साल कोरोना वायरस से मरने वाले मुस्लिम लोगों को दफनाने की बजाए जलाने का हुक्म दिया गया था.
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नई दिल्ली: श्रीलंका भी न्यूजीलैंड और फ्रांस की तरह बुर्के पर पाबंदी लगाने जा रहा है. साथ ही एक हजार से ज्यादा इस्लामिक मदरसों पर भी पाबंदी लगाने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए किया जा रहा है. साथ ही यह बताया कि बुर्का धार्मिक अतिवाद का संकेत है.
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सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री सरथ वेरासेकेरा ने बताया कि यह फैसला देश की सलामती की बुनियाद पर कुछ मुसलमान महिलाओं की तरफ से पूरा चेहरा ढांपने पर पाबंदी से संबंधित एक कागज़ पर कैबिनेट ने दस्तखत कर दिए हैं.
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उन्होंने कहा कि हमारे शुरुआती दिनों में मुस्लिम महिलाओं और लड़किया कभी बुर्का नहीं पहनती थीं. उन्होंने आगे कहा कि यह धार्मिक अतिवाद का निशानी है और हम इस पर यकीनी तौर पर पाबंदी लगाने जा रहे हैं.
मदरसों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा नीति की धज्जियां रहे करीब एक हज़ार से ज्यादा मदरों पर पाबंदी लगाने की भी योजना है. उनका कहना है कि कोई भी स्कूल खोलकर कुछ भी नहीं पढ़ा सकता.
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बता दें कि साल 2019 में गिरजाघर और होटलों पर आतंकियों के द्वारा धमाकों के बाद अस्थाई पाबंदी लगा दी थी. इसके अलावा पिछले साल कोरोना वायरस से मरने वाले मुस्लिम लोगों को दफनाने की बजाए जलाने का हुक्म दिया गया था.
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